सत्यपाल मलिक ने कहा- राज्यपाल की स्थिति कमजोर, संवाददाता सम्मेलन तक नहीं कर सकते
जम्मू : जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को कहा कि देश में राज्यपाल की स्थिति बहुत ही कमजोर है क्योंकि उन्हें संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने या अपने दिल की बात कहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने अपने उस बयान को दोहराया कि देश में धनी लोगों का एक तबका सड़े हुए […]
जम्मू : जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को कहा कि देश में राज्यपाल की स्थिति बहुत ही कमजोर है क्योंकि उन्हें संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने या अपने दिल की बात कहने का कोई अधिकार नहीं है.
उन्होंने अपने उस बयान को दोहराया कि देश में धनी लोगों का एक तबका सड़े हुए आलू की तरह है क्योंकि वे दान नहीं करते हैं और शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद के लिए आगे नहीं आते हैं. मलिक ने रियासी जिले के कटरा में माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, राज्यपाल एक कमजोर इकाई है. उन्हें संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने या अपने दिल की बात कहने का अधिकार नहीं होता है. मैं लगभग तीन दिनों तक आशंकित रहता हूं कि दिल्ली में मेरे शब्दों ने किसी को नाराज तो नहीं किया है.
राज्यपाल ने कहा कि हुर्रियत, मुख्यधारा की पार्टियों, धार्मिक उपदेशकों और मौलवियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल आम कश्मीरी लोगों के बच्चों को मरवाने में किया, जबकि उनमें से किसी ने भी आतंकवाद की वजह से अपनों को नहीं खोया. राज्यपाल ने आरोप लगाया कि प्रभावी और शक्तिशाली तबकों ने कश्मीरी युवाओं के सपने और उनकी जिंदगियों को तबाह कर दिया. उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस सच्चाई को समझें और राज्य में शांति और समृद्धि लाने के केंद्र सरकार के प्रयासों में शामिल हों. मलिक ने कटरा शहर में श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, उन सभी के अपने बच्चे विदेश में रह रहे हैं और उनका करियर अच्छा चल रहा है. लेकिन, आम कश्मीरी व्यक्ति के बच्चों को बताया गया कि जन्नत का रास्ता मारे जाने में है. यही सब यहां हो रहा है.
उन्होंने कहा, नेता, नौकरशाह, प्रभावी और शक्तिशाली लोगों ने युवाओं के सपने और उनके जीवन को बर्बाद कर दिया. मलिक ने कहा, सामाजिक नेता, धार्मिक उपदेशकों, मौलवियों, हुर्रियत और मुख्यधारा की पार्टियों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल आम कश्मीरी लोगों के बच्चों को मरवाने में किया. उनमें से किसी ने भी अपना बच्चा नहीं खोया और उनके परिवार में से कोई भी आतंकवाद से नहीं जुड़ा. मलिक ने कहा, मैंने खुफिया एजेंसियों से भी इनपुट नहीं लिया. वे भी दिल्ली या हमें सच नहीं बता रहे हैं. उन्होंने कहा, मैंने सीधे तौर पर 150 से 200 कश्मीरी युवाओं से बात की और कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उन्हें पहचानने की कोशिश की जो राष्ट्रगान पर खड़ा नहीं होते हैं. मैंने उनसे और 25 से 30 साल के आयु वर्ग वाले उन लोगों से बात की जिनके सपने कुचल दिये गये, वे भ्रमित हैं और गुस्से में हैं. वे न तो हुर्रियत चाहते हैं, न हमें चाहते हैं और न केंद्र सरकार को या स्वायत्तता को क्योंकि उन्हें बताया गया है कि स्वर्ग जाने का रास्ता मरने में है.
राज्यपाल ने कहा कि मैंने ऐसे युवाओं से कहा कि उनके पास कश्मीर में पहले से ही जन्नत है. उन्होंने कहा, मैं कश्मीर के लोगों और युवाओं से कहना चाहता हूं कि वह सच्चाई को समझें. दुनिया में आपको रहने के लिए सुंदर जगह मिली है. राज्यपाल ने कहा, इसे दिल्ली के हाथों में दीजिये जिसने आपके लिए खजाना खोला है. हम इसे कहीं नहीं ले जा रहे हैं. आगे आइये और नये चरण का हिस्सा बनिये और प्रगति तथा विकास का रास्ता अपनाइये. उन्होंने कहा कि 22,000 कश्मीरी युवा राज्य से बाहर शिक्षा हासिल कर रहे हैं. राज्यपाल ने नेताओं पर यहां के लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज करने का आरोप लगया. राज्यपाल ने कहा, उन्हें शिक्षा के लिए राज्य से बाहर क्यों जाना पड़ता है? ऐसा इसलिए है क्योंकि हम पिछले कई दशकों से राज्य में मानक शिक्षा छात्रों को मुहैया नहीं करा पाये हैं.
कश्मीर में भेजे गये धन का इस्तेमाल अगर नेता और नौकरशाह सही तरीके से करते तो आपके घरों की छतें सोने की बन गयी होतीं. उन्होंने कहा, मैंने अमरनाथ मंदिर का दौरा किया था. एक स्थानीय युवक के पास स्वेटर नहीं था, लेकिन यहां के नेताओं के पास दिल्ली से लेकर दुबई तक में घर हैं. किसी भी होटल या कारोबार में निवेश का नाम लें, ये लोग हर जगह हैं. राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने भ्रमित युवाओं से कहा है कि वह उन्हें ‘दो जन्नत’ की पेशकश करते हैं. मलिक ने कहा, मैंने उनसे कहा कि यह आपका धार्मिक विश्वास है और मैं इसके बारे में कुछ नहीं कहूंगा. लेकिन, मैं आपको दो जन्नत देने के लिए तैयार हूं-एक इस जीवन में और दूसरे उसके बाद इस पर बहस हो सकती है कि मरने के बाद जन्नत नसीब होगी या नहीं, लेकिन जैसा कि बादशाह जहांगीर ने कहा था कि धरती पर अगर कहीं जन्नत है तो कश्मीर में ही है. आपके पास पहले से ही एक जन्नत है और आप पूरी दुनिया का मुकुट बन सकते हैं. दूसरा अगर आप सच्चे मुस्लिम के रूप में मरेंगे तो इसका मतलब है कि आपको दो जन्नत मिलेंगी. एक यहां और दूसरा मरने के बाद.