अलकायदा के सहयोगी संगठन अंसार गजवातुल हिंद का कश्मीर से सफाया

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के पुलिस प्रमुख ने बुधवार को घोषणा की कि अलकायदा के सहयोगी संगठन अंसार गजवातुल हिंद (एजीएच) का कश्मीर घाटी से पूरी तरह सफाया हो गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद हमलों को अंजाम देने के लिए कश्मीर में अन्य संगठनों के साथ तालमेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2019 2:42 PM

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के पुलिस प्रमुख ने बुधवार को घोषणा की कि अलकायदा के सहयोगी संगठन अंसार गजवातुल हिंद (एजीएच) का कश्मीर घाटी से पूरी तरह सफाया हो गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद हमलों को अंजाम देने के लिए कश्मीर में अन्य संगठनों के साथ तालमेल बनाने की कोशिश कर रहा है. दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा तीन आतंकवादियों को मार गिराने की घटना के एक दिन बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया.

सिंह ने कहा कि एजीएच का सफाया हो गया है लेकिन कुछ तत्व हैं जो अब भी यहां सक्रिय हैं। वे अचानक सामने आते हैं और आतंकवादियों के साथ जा मिलते हैं… लेकिन फिलहाल एजीएच का कश्मीर से सफाया हो गया है. त्राल में मारे गये तीन आतंकवादियों की पहचान हमीद लोन उर्फ हामिद लल्हारी, नवीद अहमद टाक और जुनैद राशिद भट के रूप में हुई है। तीनों पुलवामा जिले के रहने वाले थे. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मारे गये सभी आतंकवादी जाकिर मूसा के संगठन का हिस्सा थे और सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले तथा आम नागरिकों पर अत्याचार के कई मामलों समेत आतंकवाद से जुड़े अपराध की कई घटनाओं में संलिप्तता को लेकर वांछित थे.

सिंह ने बताया कि आतंकवादियों का समूह पाकिस्तान आधारित जैश ए मोहम्मद (जेईएम) के साथ मिलकर काम कर रहा था. उन्होंने कहा कि जेईएम कश्मीर में प्रत्येक आतंकवादी संगठन के साथ समन्वय की कोशिश कर रहा है. जेईएम और लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तान से निर्देश मिलते हैं कि कौन उनका निशाना है, किस स्तर पर और किस किस्म की हिंसा उन्हें भड़कानी है. उन्होंने कहा कि इसलिए जेईएम और लश्कर दोनों, प्रत्येक संगठन के साथ तालमेल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर आपको याद हो तो त्राल में दो गुज्जर भाई मारे गये थे और जेईएम से संबद्ध पाकिस्तानी आतंकवादी यासिर इस घटना में संलिप्त था. वह इस समूह के संपर्क में था.

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