दिव्यांग व बुजुर्ग अब करेंगे डाक से वोट
नई दिल्ली :चुनाव में वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए सरकार ने 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को डाक मतपत्र (पोस्टल बैलेट) से मतदान करने की सुविधा प्रदान की है. चुनाव आयोग की सिफारिश पर कानून मंत्रालय ने 22 अक्तूबर को इस फैसले को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी […]
नई दिल्ली :चुनाव में वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए सरकार ने 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को डाक मतपत्र (पोस्टल बैलेट) से मतदान करने की सुविधा प्रदान की है. चुनाव आयोग की सिफारिश पर कानून मंत्रालय ने 22 अक्तूबर को इस फैसले को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है.
मंत्रालय ने दिव्यांगों और 80 साल से अधिक उम्र वाले मतदाताओं को डाक मतपत्र से मताधिकार देने के लिए निर्वाचन के संचालन नियम 1961 में संशोधन करते हुए इन्हें ‘अनुपस्थित मतदाता’ की श्रेणी में शामिल कर दिया है. मौजूदा व्यवस्था में सिर्फ सैन्य, अर्ध सैन्य बल के जवानों और विदेशों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों के अलावा निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को ही डाक मतपत्र से मताधिकार प्राप्त है.
सरकार ने अधिसूचना जारी कर अनुपस्थित मतदाता की परिभाषा का दायरा व्यापक करते हुए इसमें संशोधित नियमों के अंतर्गत एक नोडल अफसर की तैनाती का भी प्रावधान किया है जो ‘अनुपस्थित मतदाता’ की श्रेणी में शामिल होने के दावों सत्यापन करेगा. दावा करने के लिए भरे जाने वाले आवेदन फॉर्म का प्रारूप तैयार हो गया है.
दावा करने के लिए भरे जाने वाले आवेदन फॉर्म का प्रारूप तैयार
करीब 18 लाख लोग अनुपस्थित मतदाता की श्रेणी में
10 लाख रक्षा मंत्रालय के तहत सैन्य बल
7.82 लाखगृह मंत्रालय के अधीन अर्ध सैन्य बल
3539 विदेशी मिशन में कार्यरत विदेश मंत्रालय
पिछले लोकसभा चुनाव में अनुपस्थित मतदाताओं में शामिल 60.14 प्रतिशत वोटर ने ई-पोस्टल बैलेट से किया था मतदान
अनुपस्थित मतदाता करते हैं ई-पोस्टल बैलेट से मतदान
भारत में अभी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर बसने वाले मतदाताओं को अपने मूल निवास स्थान पर ही जाकर मतदान करना होता है. अनुपस्थित मतदाता ई-पोस्टल बैलेट से मतदान करते हैं. एक अनुमान के मुताबिक ऐसे मतदाताओं की पर्याप्त संख्या को देखते हुए यह सहूलियत मिलने के बाद मतदान का प्रतिशत बढ़ने की संभावना है.