सरकार के तीन प्रस्ताव पर अमल हुआ तो,बदलेगा अंदाज,लगेगा शुल्क,बढ़ेगी रफ्तार
वक्त के साथ सुविधाएं बढ़ी हैं, तो अंदाज व रफ्तार क्यों हो पुराना. तो तैयार रहें. सरकार के तीन प्रस्ताव, जिस पर यदि अमल हुआ तो आम से खास को राहत तो मिलेगी, पर थोड़ा खर्च भी बढ़ेगा. अब शहरी क्षेत्र के बैंक ग्राहक दूसरे बैंकों के एटीएम से दो बार ही फ्री सेवा ले […]
वक्त के साथ सुविधाएं बढ़ी हैं, तो अंदाज व रफ्तार क्यों हो पुराना. तो तैयार रहें. सरकार के तीन प्रस्ताव, जिस पर यदि अमल हुआ तो आम से खास को राहत तो मिलेगी, पर थोड़ा खर्च भी बढ़ेगा. अब शहरी क्षेत्र के बैंक ग्राहक दूसरे बैंकों के एटीएम से दो बार ही फ्री सेवा ले सकेंगे, इसके बाद प्रति निकासी 20 रुपये अदा करना होगा. वहीं, वाहनों की अधिकतम रफ्तार सीमा को बढ़ाने के संकेत सरकार ने दिये हैं. मतलब यह कि कारों को प्रति घंटे सौ किमी की रफ्तार से दौड़ाना जुर्म नहीं होगा. और अब सरकारी कामों से संबंधित कागजात को प्रमाणित करवाने के लिए किसी गजेटेड अफसर या नोटरी के पास जाने की जरूरत नहीं है. खुद का प्रमाण पर्याप्त है.
* दूसरे बैंकों के एटीएम से निकासी,माह में केवल दो बार फ्री सेवा
शहरों में एटीएम कार्डधारक अब दूसरे बैंकों के एटीएम से मुफ्त में एक माह में दो बार ही पैसे निकाल पायेंगे. इसके बाद हर निकासी पर 20 रुपये का चार्ज देना होगा. पहले यह सुविधा पांच बार तक मिलती थी. ग्रामीण क्षेत्रों में पहले वाली सुविधा जारी रहेगी. भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा कि इस संबंध में अपने ग्राहकों को विस्तार से सूचित करें. हालांकि ग्रामीण क्षेत्र के बैंक उपभोक्ताओं पर यह नियम लागू नहीं होगा. हालांकि, बैंक नि:शुल्क एटीएम सुविधा बंद करने के लिए रिजर्व बैंक पर दबाव बना रहे हैं.
* अधिकतम गति की सीमा में वृद्धि,सौ की स्पीड में दौड़ेगी कार!
सरकार ने देश भर में गाडि़यों की अधिकतम रफ्तार सीमा को बढ़ाने का फैसला किया है. यदि इस पर अमल होता है, तो कारों को प्रति घंटे सौ किलोमीटर की रफ्तार पर चलाया जा सकेगा. वहीं, माल वाहनों की अधिकतम रफ्तार सीमा 80 तक कर दी जायेगी. दो पहिया वाहनों को रफ्तार 50 से बढ़ाकर 80 किमी प्रति घंटा. तीन पहिया की स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने इससे पहले 1989 में गति अधिसूचना जारी की थी. हालांकि उस वक्त देश में राजमार्गों के हालात इतने अच्छे नहीं थे. वहीं पिछले दो दशकों में राजमार्गों का काफी विस्तार हुआ है.
* झंझट से मिली लोगों को मुक्ति,सेल्फ अटेस्ट ही पर्याप्त
अब सरकारी कामकाज के लिए जमा कराये जानेवाले कागजात को किसी गजेटेड अफसर या नोटरी से अटेस्ट करवाने की जरूरत नहीं होगी. केंद्र सरकार के ताजा आदेश के मुताबिक अब किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित किये जाने के बजाय सर्टिफिकेट का स्व प्रमाणित (सेल्फ अटेस्टेड) होना ही काफी होगा. इस संबंध में केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं. सरकार की दलील है कि एफिडेविट बनवाने में पैसा और वक्त बरबाद होता है. इसमें अधिकारी का कीमती वक्त भी जाया होता है. अब नियुक्ति के अंतिम चरण में सेल्फ अटेस्ट के साथ ओरिजनल डॉक्यूमेंट ही पेश करना होगा.