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महाराष्ट्र में कुर्सी की जंगः भाजपा सांसद का दावा- शिवसेना के 45 MLA संपर्क में, दोनों दलों में तनाव चरम पर

मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से अब तक पांच दिन बीत चुके हैं, मगर सरकार गठन को लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है. शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच सरकार गठन में कुर्सी को लेकर खींचतान लगातार जारी है. दोनों दलों के बीच जुबानी जंग भी लगातार जारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2019 1:44 PM

मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से अब तक पांच दिन बीत चुके हैं, मगर सरकार गठन को लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है. शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच सरकार गठन में कुर्सी को लेकर खींचतान लगातार जारी है. दोनों दलों के बीच जुबानी जंग भी लगातार जारी है. शिवसेना अभी भी 50-50 के फॉर्मूले की मांग पर अड़ी हुई है. मगर, शिवसेना के दबाव के आगे बीजेपी झुकने के मूड में नहीं है.

भारतीय जनता पार्टी के सांसद संजय काकडे ने बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि शिवसेना के करीब 45 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं, जो उनके साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते हैं. बता दें कि शिवसेना के कुल 56 ही विधायक इस बार चुनकर आए हैं. भाजपा के राज्यसभा सांसद ने कहा कि शिवसेना के 56 में से 45 विधायक भाजपा के साथ सरकार बनाना चाहते हैं, वह लगातार कॉल कर रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार में उन्हें भी शामिल किया जाए.

उन्होंने काहा कि शिवसेना के अब्दुल सत्तार विपक्ष में बैठने की बात कर रहे हैं, वो पहले कांग्रेस में थे इसलिए उन्हें ये आदत है. आज के समय में शिवसेना के सभी मंत्रियों को सत्ता में रहने की आदत है. ये तय है कि देवेंद्र फडणवीस ही CM होंगे. उन्होंने कहा कि इस बात पर उद्धव ठाकरे भी सहमत होंगे.

बीजेपी ने बुधवार को शिवसेना से दो टूक कहा है कि कुछ भी कह लें अगली सरकार बीजेपी के नेतृत्व में ही बनेगी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने शिवसेना से कभी भी ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद के लिए वादा नहीं किया. उन्होंने कहा, कि मैं और पांच साल के लिए मुख्यमंत्री रहूंगा.

इससे पहले बुधवार को ही शिवसेना नेता संजय राउत ने बीजेपी पर तंज सकते हुए कहा था कि यहां कोई दुष्यंत नहीं हैं, जिनके पिता जेल में हों. यहां हम हैं, जो ‘धर्म और सत्य’ की राजनीति करते हैं. साथ ही उन्होंने भाजपा के अलावा अन्य विकल्पों के साथ जाने का इशारा किया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि हमारे पार्टी अध्यक्ष (अमित शाह) ने इस बात की पुष्ट की है कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है.

उन्होंने आगे बताया कि अब तक कोई भी फॉर्म्युला तय नहीं हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि बीजेपी की अगुआई वाली सरकार ही बनेगी. शिवसेना के अखबार ‘सामना’ के बारे में देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सामना में जो भी लिखा जाता है, वह ठीक नहीं है. वह बात बिगाड़ने का ही काम कर रहा है.

बता दें कि शिवसेना लगातार बीजेपी पर तंज कसते हुए दबाव बनाने की कोशिश कर रही है. निर्दलीयों को लुभाने की कोशिशें भी जारी हैं. बुधवार को महाराष्ट्र बीजेपी ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें विधानसभा में पार्टी का नेता चुना जाएगा. अपने सहयोगी पर दबाव बनाने के लिए कल ही बीजेपी सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकती है.

पढ़ेंः महाराष्ट्र में सीएम कुर्सी की जंगः शिवसेना सांसद ने कहा- यहां कोई दुष्यंत नहीं हैं, जिनके पिता जेल में हो

उधर, शिवसेना के शीर्ष नेतृत्व के साथ सरकार बनाने में आ रही अड़चनों को दूर करने पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बात कर सकते हैं. गौरतलब है कि आठ नवंबर तक नई सरकार का गठन होना है.
बीजेपी-शिवसेना में क्या चल रहा है?
महाराष्‍ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान के साथ दबाव की राजनीति जारी है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम के दिन दावा किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले उनकी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक हुई थी.
इस बैठक में शाह ने वादा किया था कि विधानसभा में 50-50 के फॉर्मूले को लागू करेंगे. 50-50 के फॉर्मूले का मतलब है पांच साल के कार्यकाल में ढाई साल बीजेपी का और ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा. शिवसेना का कहना है कि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को बीजेपी पहले ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाए और फिर ढाई साल के लिए फडणवीस मुख्यमंत्री बनें.जबकि बीजेपी विधायकों के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी होने का हवाला देते हुए इस फॉर्मूले पर सहमत नहीं है.

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