INX Media : चिदंबरम को नहीं मिली राहत, 13 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजे गये

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 13 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने पूछताछ करने के लिए चिदंबरम को एक दिन की हिरासत में दिये जाने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2019 5:51 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 13 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने पूछताछ करने के लिए चिदंबरम को एक दिन की हिरासत में दिये जाने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोध को खारिज कर दिया. अदालत ने तिहाड़ अधिकारियों को चिदंबरम को दवाइयां, पश्चिमी शैली का शौचालय, सुरक्षा और अलग कोठरी उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया. अदालत ने यह भी कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें घर से पका कर लाया हुआ भोजन करने की इजाजत दी जा सकती है. आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और वह धन शोधन के एक मामले में फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं.

सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. यह मामला चिदंबरम के केंद्रीय वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में विदेशों से 305 करोड़ रुपये की निधि हासिल करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितिताओं से संबद्ध है. इसके बाद ईडी ने इस सिलसिले में 2017 में धन शोधन का एक मामला दर्ज किया था. ईडी ने इस साल 16 अक्तूबर को उन्हें हिरासत में लिया था.

इससे पहले चिदंबरम ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत मांगते हुए बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष याचिका पेश कर इस पर तत्काल सुनवाई की मांग की. पीठ ने बृहस्पतिवार को इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. चिदंबरम ने एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (एआईजी), हैदराबाद में अपने डॉक्टर से परामर्श लेने तथा जांच कराने के लिए छह दिन के वास्ते अंतरिम राहत मांगी है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें क्रोहन रोग के कारण पांच अक्तूबर से लगातार तेज पेट दर्द हो रहा है जिसके लिए उन्हें फौरन इलाज की जरूरत है. उन्हें 2017 में क्रोहन रोग होने का पता चला था जिसमें आंतों में सूजन आ जाती है जिससे पेट में दर्द, दस्त और वजन कम हो जाता है.

उनकी जमानत याचिका के अनुसार, सात अक्तूबर को उनकी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जांच की गयी और उन्हें एंटीबायोटिक और दर्द खत्म करने की दवाएं दी गयी जिसके बाद उनका पेट दर्द कम है. याचिका में कहा गया है कि इसके बाद 22 अक्तूबर को उन्हें फिर से दर्द हुआ और 23 अक्तूबर को एम्स में इलाज किया गया तथा उन्हें नयी दवाएं दी गयी. लेकिन उन्हें दर्द से कोई राहत नहीं मिली. फिर 24 और 26 अक्तूबर को दोबारा उनकी जांच की गयी और 28 अक्तूबर को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में टेस्ट कियेगये. याचिका में कहा गया है कि मेडिकल टेस्ट के बाद चिदंबरम को अगले 16 हफ्तों के लिए स्टेरॉयड इलाज के लिए कहा गया और चूंकि एम्स के इलाज से उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं आ रहा था तो उन्हें एआईजी में अपने नियमित डॉक्टर से इलाज कराने की अनुमति दी जाये.

इसमें कहा गया है कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट को ई-मेल के जरिये उनके डॉक्टर के पास भेजा गया और डॉक्टर ने बताया कि सूजन बढ़ गयी है तथा चिदंबरम को जीवाणु रहित माहौल में इलाज की फौरन जरूरत है. अर्जी में कहा गया है कि इस बीमारी के चलते उनका वजन 73.5 किलोग्राम से घटकर 66 किग्रा हो गया है. चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में अपनी मुख्य जमानत याचिका के जरिये ही अंतरिम राहत की याचिका दायर की. इस मामले में वह अभी प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं. नियमित जमानत की उनकी अर्जी पर चार नवंबर को सुनवाई होनी है.

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