GC मुर्मू ने ली कश्मीर के पहले उपराज्यपाल पद की शपथ, RK माथुर बने लद्दाख के एलजी
श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए आज ऐतिहासिक दिन है. आज से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बन गए हैं. दोनों ही राज्यों को अपने उपराज्यपाल भी मिले हैं. गिरीश चंद्र मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर और आर माथुर ने लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश […]
श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए आज ऐतिहासिक दिन है. आज से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बन गए हैं. दोनों ही राज्यों को अपने उपराज्यपाल भी मिले हैं. गिरीश चंद्र मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर और आर माथुर ने लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली. जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यामूर्ति गीता मित्तल ने श्रीनगर स्थित राजभवन में जी सी मुर्मू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी.
#WATCH Srinagar: Girish Chandra Murmu takes oath as the first Lt. Governor of the Union territory of Jammu and Kashmir. The oath was administered by Chief Justice of J&K High Court, Gita Mittal. pic.twitter.com/SFFmBbfDMt
— ANI (@ANI) October 31, 2019
जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल बनने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अफसरों में माने जाते हैं, गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान वह उनके प्रमुख सचिव रह चुके हैं.
एक मार्च 2019 से वह वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव की जिम्मेदारी देख रहे हैं. 21 नवंबर 1959 को जन्मे मुर्मू ने ओडिशा के उत्कल विश्ववविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर्स की पढ़ाई करने के साथ बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से एमबीए की भी डिग्री ली है, व्यय सचिव होने से पहले वह रेवेन्यू डिपार्टमेंट में स्पेशल सेक्रेटरी थे.
आज से जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के साथ प्रशासनिक और अन्य विभागीय स्तर पर व्यवस्थाओं में बदलाव आएगा। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 106 केंद्रीय कानून सीधे तौर पर लागू हो जाएंगे. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुलिस महकमे में सीआरपीसी के तहत मामले दर्ज होंगे. इससे पहले आरपीसी के तहत यह व्यवस्था थी.
मिजोरम और गोवा की तर्ज पर पुलिस प्रशासन की व्यवस्थाओं में बदलाव होगा. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए कर्मचारियों की कमी बनी है, जिससे जम्मू-कश्मीर से कर्मचारियों को भेजा जाएगा. इसके अलावा पर्यटन, विद्युत ऊर्जा, बागवानी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा.