महाराष्ट्र में CM कौनः शिवसेना विधायक दल के नेता बने एकनाथ शिंदे, राउत ने कहा- हम अपने स्टैंड पर कायम

मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद यह अबतक तय नहीं हो पाया कि मुख्यमंत्री कौन होगा. भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद गुरुवार को शिवसेना ने भी अपना विधायक दल का नेता चुना. हैरत की बात है कि आदित्य ठाकरे की जगह एकनाथ शिंदे शिवसेना ने अपना नेता चुना. इससे पहले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2019 2:32 PM

मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद यह अबतक तय नहीं हो पाया कि मुख्यमंत्री कौन होगा. भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद गुरुवार को शिवसेना ने भी अपना विधायक दल का नेता चुना. हैरत की बात है कि आदित्य ठाकरे की जगह एकनाथ शिंदे शिवसेना ने अपना नेता चुना. इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि इस बैठक में आदित्य ठाकरे को विधायक दल का नेता चुना जाएगा.

जानकारी के मुताबिक, इसके के लिए आदित्य ठाकरे ने प्रस्ताव रखा था जिस पर शिवसेना के सभी 56 विधायकों ने अपनी सहमति दी. वहीं सुनील प्रभु को सदन में पार्टी का चीफ विप बनाया गया है. अब सभी विधायक आज ही राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. सूत्रों के मुताबिक बैठक में बीजेपी के उपमुख्यमंत्री पद वाले ऑफर पर चर्चा नहीं हुई.

बैठक से पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने बीजेपी के चेतावनी दी. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 288 सदस्यों वाली विधानसभा में 105 सीटें होने पर भला कहीं सत्ता मिलती है. इससे पहले उन्होंने भाजपा के प्रति उनकी पार्टी के रुख में नरमी की खबरों को अफवाह बताया है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना भाजपा के साथ सत्ता में बराबरी की हिस्सेदारी की मांग कर रही है.

राउत ने कहा है कि शिवसेना के इस रुख में नरमी के लेकर मीडिया के एक वर्ग में आईं खबरें अफवाह हैं. उन्होंने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया,ऐसी खबरें आ रही हैं कि शिवसेना के रुख में नरमी आई है, उसने समझौता कर लिया है और सत्ता में पदों के वितरण में बराबरी की हिस्सेदारी की मांग त्याग दी है. यह सब अफवाह है. यह जनता है जो सब कुछ जानती है. (भाजपा और शिवसेना के बीच) जो कुछ भी तय हुआ था वह होगा. उन्होंने शिवसेना में संभावित फूट की खबरों को भी निराधार बताया.

राउत ने कहा,जो लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि शिवसेना के 23 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं तो वे शायद आदित्य ठाकरे का नाम लेना भूल गए होंगे… और वे केवल 23 विधायकों का नाम ही क्यों ले रहे हैं, पूरे 56 विधायकों के नाम क्यों नहीं ले रहे ?

बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे राउत ने यह कहते हुए शिवसेना के रुख में नरमी का संकेत दिया था कि महाराष्ट्र के व्यापक हित को देखते हुए पार्टी का भाजपा नीत गठबंधन में रहना जरूरी है. राज्यसभा में शिवसेना के सदस्य राउत ने कहा था कि व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि राज्य के हित महत्वपूर्ण हैं.

Next Article

Exit mobile version