कोयंबटूर : केरल में सौर घोटाले में मुख्य आरोपी सरिता नायर और दो अन्य को यहां की एक अदालत ने विंडमिल धोखाधड़ी मामले में बृहस्पतिवार को तीन वर्ष कैद की सजा सुनायी. न्यायिक मजिस्ट्रेट केआर कन्नन ने सरिता, उसके पति बीजू राधाकृष्णन और सी रवि को शहर के दो निवेशकों से लगभग 32 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का दोषी पाया. ये तीनों आईसीएमएस बिजली कंपनी में निदेशक थे.
अदालत ने इन तीनों पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. केरल में एक अदालत ने दिसंबर, 2016 में सौर घोटाले से संबंधित धोखाधड़ी के एक मामले में सरिता नायर और राधाकृष्णन को तीन साल कैद की सजा सुनायी थी. यह मामला पिछले कुछ वर्षों से मजिस्ट्रेट अदालत में चल रहा था और बृहस्पतिवार को इस पर फैसला सुनाया गया. सौर घोटाले ने केरल में ओमन चांडी के नेतृत्व वाली तत्कालीन यूडीएफ सरकार को हिलाकर रख दिया था. इस घोटाले के संबंध में जून, 2013 में खबरें सामने आयी थी कि सौर पैनल की पेशकश करके सरिता और उसके पति ने कई लोगों के साथ करोड़ों रुपये की कथित धोखाधड़ी की है और इसमें मुख्यमंत्री के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं.
यूडीएफ सरकार ने इन आरोपों की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया था जिसने एलडीएफ शासन के दौरान 2017 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट में पाया गया था कि चांडी और उनके चार कर्मचारियों ने सरिता तथा उनकी कंपनी, टीम सोलर, की ग्राहकों से धोखाधड़ी करने में मदद की थी. चांडी ने तब न्यायिक आयोग पर निशाना साधा था और आयोग पर पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगाया था.