RCEP समेत विभिन्न मुद्दों पर पांच नवम्बर से आंदोलन करेगी कांग्रेस

लखनऊ : कांग्रेस देश में बेरोजगारी, कमजोर होती अर्थव्यवस्था, कृषि संकट और आसिन तथा भारत सहित छह अन्य देशों के बीच प्रस्तावित क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते के मुद्दों पर आगामी पांच से 15 नवंबर तक पूरे देश में आंदोलन करेगी. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने यहां प्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2019 7:11 PM

लखनऊ : कांग्रेस देश में बेरोजगारी, कमजोर होती अर्थव्यवस्था, कृषि संकट और आसिन तथा भारत सहित छह अन्य देशों के बीच प्रस्तावित क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते के मुद्दों पर आगामी पांच से 15 नवंबर तक पूरे देश में आंदोलन करेगी. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि केन्द्र की भाजपा सरकार की खराब नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है.

उन्होंने कहा कि आलम यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में दुनिया में पांचवें पायदान पर खड़ी जो अर्थव्यवस्था छलांग लगाकर तीसरे स्थान पर पहुंचने की क्षमता रखती थी, वह आज लुढ़ककर सातवें पायदान पर पहुंच गयी है. माकन ने कहा कि सरकार 15 देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते यानी आरसीईपी पर हस्ताक्षर करने जा रहा है. इससे उन देशों के सामान का भारत में बिना किसी कर के आयात सम्भव हो जायेगा. चीन ने पहले ही हमारे लघु और मंझोले उद्योगों को नुकसान पहुंचाया है. अब मुक्त व्यापार होने से बचे-खुचे उद्योग-धंधे भी खत्म हो जायेंगे. हमारे देश में पहले ही जबरदस्त बेरोजगारी है. सरकार के इस समझौते से देश में बेरोजगारी भयंकर रूप ले लेगी. सरकार के कई संस्थान भी इसका विरोध कर चुके हैं.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश में भयंकर बेरोजगारी, बेहाल अर्थव्यवस्था, कृषि संकट एवं आरसेप के खिलाफ आगामी पांच से 15 नवम्बर तक तालुका, ब्लॉक, जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करेगी. माकन ने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर साढ़े आठ फीसदी तक पहुंच गयी है, जबकि इसकी वैश्विक दर महज 4.9 फीसदी ही है. निजी निवेश 16 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. घरेलू बचत 20 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गयी है. साथ ही, नोटबंदी के बाद पारिवारिक कर्ज भी तीन वर्षों में दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर सात लाख 40 हजार करोड़ रुपये हो गया है.

उन्होंने कहा कि देश में निर्माण क्षेत्र की विकास दर घट रही है. बैंकों का एनपीए आठ लाख करोड़ रुपये हो गया है. सरकार ने युद्ध और आपातस्थिति के लिए बचाकर रखा गया एक लाख 74 हजार करोड़ रुपया भारतीय रिजर्व बैंक से ले लिया. भारतीय जीवन बीमा निगम में निवेश किये गये लोगों के करोड़ों रुपये आईडीबीआई बैंक का घाटा पाटने में लगा दिये गये. इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राज्य में पार्टी द्वारा किये जाने वाले आंदोलन की रूपरेखा पेश की.

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