हरियाणा: 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 5 वर्षीय बच्ची की मौत
चंडीगढ़: हरियाणा के करनाल स्थित घरौंडा के हरसिंह पुरा गांव में पांच साल की बच्ची 50 फीट गहरे बोरेवल में गिर गयी. बच्ची को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है. घटना रविवार की दोपहर तकरीबन तीन बजे की है. बताया जा रहा है कि बच्ची खेलते समय अचानक से गायब हो गयी. परिजनों […]
चंडीगढ़: हरियाणा के करनाल स्थित घरौंडा के हरसिंह पुरा गांव में पांच साल की बच्ची 50 फीट गहरे बोरेवल में गिर गयी. बच्ची को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है. घटना रविवार की दोपहर तकरीबन तीन बजे की है. बताया जा रहा है कि बच्ची खेलते समय अचानक से गायब हो गयी. परिजनों द्वारा काफी देर तक तलाश करने के बाद पता चला कि बच्ची बोरवेल में गिर गयी है.
Haryana: A 5-year-old girl fell into a 50-feet deep borewell, yesterday in Har Singh Pura village in Gharaunda of Karnal. Rescue operations underway. pic.twitter.com/KAUqnd1xPN
— ANI (@ANI) November 4, 2019
मोबाइल रिकॉर्डिंग से हुई पुष्टि
परिजनों द्वारा सूचना देने के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बोरवेल में मोबाइल डालकर वीडियो बनाया जिससे इस बात की पुष्टि हुई कि बच्ची बोरवेल में गिर गयी है. हादसे की सूचना पुलिस को दी गई. सूचना मिलते ही डीसी विनय प्रताप सिंह और एसपी सुरेंद्र भौरिया समेत प्रशासनिक विभाग के आला अफसर घटनास्थल पर पहुंचे. बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने इसकी सूचना सरपंच प्रतिनिधि नरेश कुमार को भी दी.
दिल्ली को भी दी गई सूचना
बच्ची के बोरवेल में गिरने की सूचना दिल्ली में अधिकारियों को दी गयी है और वहां से रेस्क्यू टीम के आने का इंतजार किया जा रहा है. फिलहाल स्थानीय प्रशासन जेसीबी की मदद से बोरवेल के आसपास की जमीन को खोदने के काम में जुटा हुआ है ताकि बच्ची तक पहुंचा जा सके.
तमिलनाडु में भी हुई घटना
हालांकि ये पहला मामला नहीं है जब कोई बच्चा बोरवेल में गिर गया हो. गौरतलब है कि अभी हाल ही में तमिलनाडू के त्रिरूचिरापल्ली स्थित नादुकट्टीपट्टू में सुजीत विल्सन नाम का दो साल का बच्चा अपने घर के पास बने 100 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था. 25 अक्टूबर की शाम को सुजीत विल्सन बोरवेल में गिरा.
उसे बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और मदुरै अग्निशमन विभाग ने लगातार 82 घंटो तक अभियान चलाया लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका. इस घटना की काफी निंदा हुई थी. अब हरियाणा की घटना ने प्रशासनिक संवेदनशीलता पर पुन प्रश्नचिह्न लगा दिया है.