महाराष्ट्र में सरकार गठन पर गतिरोध के बीच आज शाम राज्यपाल से मिलेंगे संजय राउत
मुंबईः महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि सोमवार की शाम प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से होने वाली उनकी मुलाकात “शिष्टाचार भेंट” होगी. इसका जिसके कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं हैं. राउत ने कहा कि राज्यपाल प्रदेश के अभिभावक की तरह होते हैं और […]
मुंबईः महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि सोमवार की शाम प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से होने वाली उनकी मुलाकात “शिष्टाचार भेंट” होगी. इसका जिसके कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं हैं. राउत ने कहा कि राज्यपाल प्रदेश के अभिभावक की तरह होते हैं और इसलिये वह विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिये उनसे मिलेंगे.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, यह एक शिष्टाचार भेंट होगी, राजनीतिक नहीं. मैं राज्यपाल से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करने जा रहा हूं. हम उन्हें अपने नजरिये के बारे में भी बताएंगे. यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब एक दिन पहले ही राज्यसभा सदस्य राउत ने दावा किया था कि जल्द ही “170 विधायकों” के समर्थन से उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री होगा.
प्रदेश में सरकार गठन को लेकर गतिरोध अभी बना हुआ है. इस बीच राउत ने रविवार को कहा कि भाजपा के साथ बातचीत सिर्फ मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर होगी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अकोला में रविवार को संवाददाताओं को बताया कि नयी सरकार का गठन जल्द होगा. गतिरोध के बीच, शिवसेना राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से भी संपर्क साधती दिख रही है क्योंकि राकांपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने रविवार को पत्रकारों के सामने राउत द्वारा उन्हें भेजे गए एक संदेश का खुलासा किया.
संदेश में लिखा था: नमस्कार, मैं संजय राउत. जय महाराष्ट्र. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पवार ने कहा, इसका मतलब मुझे उन्हें फोन करना चाहिए. मैं फोन कर, जांच करूंगा. महाराष्ट्र में सरकार गठन पर अस्पष्ट स्थिति के बीच राकांपा अध्यक्ष शरद यादव का सोमवार को नयी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का कार्यक्रम है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी सोमवार को ही भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिल चुके हैं. महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिये हाल में हुए चुनाव में भाजपा ने 105 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि शिवसेना के खाते में 56 सीटें आई हैं. राकांपा ने 54 सीटें जीतीं और कांग्रेस के खाते में 44 सीटें आई हैं.