शिवसेना को उम्मीद, गडकरी दो घंटे के अंदर महाराष्ट्र का गतिरोध कर सकते हैं दूर

नागपुर : महाराष्ट्र में सरकार गठन पर जारी गतिरोध के बीच कृषि कार्यकर्ता एवं हाल ही में शिवसेना में शामिल हुए किशोर तिवारी ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भाजपा और शिवसेना के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष को सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2019 5:34 PM

नागपुर : महाराष्ट्र में सरकार गठन पर जारी गतिरोध के बीच कृषि कार्यकर्ता एवं हाल ही में शिवसेना में शामिल हुए किशोर तिवारी ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भाजपा और शिवसेना के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष को सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए.

भागवत को लिखे पत्र में तिवारी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख को इस स्थिति का गंभीरता से संज्ञान लेना चाहिए और महाराष्ट्र में सरकार गठन में गतिरोध दूर करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोग इस मुद्दे पर संघ की ‘चुप्पी’ से चिंतित हैं. तिवारी ने भागवत को उनके द्वारा लिखे गये पत्र के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ गडकरी दो घंटे के अंदर इस स्थिति का समाधान करने में कामयाब होंगे.’ उन्होंने दावा किया कि भाजपा गडकरी को हाशिये पर डाल रही है.

यदि पार्टी या अमित शाह गडकरी को हस्तक्षेप के लिए अधिकृत करते हैं तो वह दो घंटे में गतिरोध दूर कर सकते हैं. गैर सरकारी संगठन विदर्भ जन आंदोलन समिति के संस्थापक तिवारी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदलकर भाजपा से शिवसेना में आ गये थे. इस गैर सरकारी संगठन ने महाराष्ट्र में खासकर विदर्भ में किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर आत्महत्या करने के विषय को प्रमुखता से सामने रखा था. भाजपा और शिवसेना मुख्यमंत्री का पद साझा करने को लेकर एक दूसरे से उलझी हुई हैं. उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने दोनों दलों के लिए ढाई- ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग की है जिसे भाजपा ने खारिज कर दिया है.

शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री उनके दल का होगा. सोमवार को नयी दिल्ली और मुंबई में कई उच्चस्तरीय बैठकें हुईं लेकिन उनसे राज्य में सरकार गठन पर 11 दिनों से जारी गतिरोध दूर होने के कोई संकेत नहीं मिले. सोमवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी हुई.

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