मुंबई : शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने गुरुवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा महाराष्ट्र में सरकार गठन की प्रक्रिया में देरी कर रही है और राष्ट्रपति शासन थोपने की स्थिति बना रही है.
राउत ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को यह ऐलान करना चाहिए कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं है और तब शिवसेना आगे के कदम उठाएगी.शिवसेना की मुख्यमंत्री पद साझा करने की मांग दोहराते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दल से होगा. उन्होंने दावा किया, आपको सदन में पता चलेगा. हमारे पास आंकड़े हैं.
उन्होंने कहा, राज्यपाल से आज मिलने वाले भाजपा नेताओं ने दावा क्यों नहीं किया? वे खाली हाथ क्यों लौट आए? वे राष्ट्रपति शासन थोपने के लिए स्थिति बनाना चाहते हैं. भाजपा के पास आंकड़े नहीं हैं. पार्टी के सभी विधायकों को उपनगरीय बांद्रा के एक होटल में ठहराए जाने के सवाल पर राउत ने कहा, मुंबई में सभी विधायकों के घर नहीं होते. इसलिये, पार्टी ने यह सुनिश्चित करने का फैसला किया कि उन्हें एक ही छत के नीचे सुविधाएं मिलें.
प्रदेश में राजनीतिक अनिश्चितता और विधायकों के पाला बदलने की आशंकाओं के बीच ठाकरे ने आज यहां अपने आवास पर शिवसेना विधायकों के साथ एक बैठक की. इसके बाद सभी विधायकों को उपनगरीय बांद्रा में रंगशारदा होटल में स्थानांतरित कर दिया गया.
राउत ने यह भी कहा कि सरकार गठन पर शिवसेना के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है और सभी विधायक उद्धव ठाकरे का समर्थन करते हैं. राउत ने प्रदेश के मंत्री और भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार की यह कहने के लिए आलोचना की कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक शिवसैनिक की तरह हैं.
उन्होंने कहा, अगर आपको लगता है कि आप शिवसेना से हैं तो उनकी तरह व्यवहार कीजिए. शिवसेना के लिये दी गई जुबान बहुत महत्वपूर्ण है. हमारे लिये यह प्राण जाए पर वचन न जाए है.उन्होंने कहा कि भाजपा को दिखाना चाहिए कि उसके पास 145 विधायक हैं और सरकार बनानी चाहिए.
राउत ने कहा, जब आप कहते हैं कि जनादेश महायुति के लिये है, तो जनादेश उसके लिये भी है जिस पर गठबंधन को अंतिम रूप देते समय सहमति बनी थी. यह जनादेश शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के लिये है. इससे पहले दिन में राउत ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत और उद्धव ठाकरे के बीच राज्य में सरकार गठन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई. उन्होंने यह भरोसा भी जताया कि उनकी पार्टी और विपक्षी कांग्रेस एवं राकांपा के विधायक पाला नहीं बदलेंगे.
महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिये 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली थीं जो सरकार बनाने के लिये जरूरी 145 के आंकड़े से ज्यादा है, लेकिन मुख्यमंत्री किस पार्टी का होगा इसे लेकर जारी गतिरोध के चलते अब तक नयी सरकार का गठन नहीं हुआ है. चुनावों में भाजपा के खाते में 105 सीटें आयी हैं. शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं.