#AYODHYAVERDICT : पूरे देश में कड़ी सुरक्षा के बीच आया अयोध्‍या भूमि विवाद पर फैसला, जानें शुक्रवार शाम से क्या क्या हुआ

-सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं. मुस्लिमों ने राम को इमाम-ए-हिन्द का दर्जा दिया था.-सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार के ट्रस्ट के मैनेजमेंट के नियम बनाये. मंदिर निर्माण के नियम बनाए. अंदर और बाहर का हिस्सा ट्रस्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2019 7:48 AM

-सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं. मुस्लिमों ने राम को इमाम-ए-हिन्द का दर्जा दिया था.

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार के ट्रस्ट के मैनेजमेंट के नियम बनाये. मंदिर निर्माण के नियम बनाए. अंदर और बाहर का हिस्सा ट्रस्ट को दिया जाए. मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ की वैकल्पिक ज़मीन मिले. या तो केंद्र 1993 में अधिगृहित जमीन से दे या राज्य सरकार अयोध्या में ही कहीं दे. हम अनुच्छेद 142 के तहत मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए मुस्लिम पक्ष को ज़मीन दे रहे हैं. सरकार ट्रस्ट में निर्मोही को भी उपयुक्त प्रतिनिधित्व देने पर विचार करे.

-सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक जमीन दिए जाने का आदेश दिया.

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा- विवादित भूमि पर मंदिर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाने का काम करे. तीन महीने की भीतर इसका नियम बनाये केंद्र.

-निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता प्रभात सिंह ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने हमारे दावे को ख़ारिज किया है. इस पर हम क्या कह सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान है. हमारी मांग है कि मंदिर बन. आम जनमानस की मांग है मंदिर बने. हम इसका सम्मान करते हैं.

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि अंग्रेजों के आने के पहले से राम चबूतरा और सीता रसोई की हिंदू पूजा करते थे. रिकार्ड के सबूत बताते हैं कि विवादित जमीन के बाहरी हिस्से में हिंदुओं का कब्जा था.

-यात्रियों के वृतांत और पुरातात्विक सबूत हिंदुओं के हक में हैं. 6 दिसंबर 1992 को स्टेटस को का ऑर्डर होने के बावजूद ढांचा गिराया गया. लेकिन सुन्नी बोर्ड एडवर्स पोसेसन की दलील साबित करने में नाकाम रहा है. लेकिन 16 दिसंबर 1949 तक नमाज हुई. सूट 4 और 5 में हमें सन्तुलन बनाना होगा हाई कोर्ट ने 3 हिस्से किये. यह तार्किक नहीं था: सुप्रीम कोर्ट

-कोर्ट ने कहा है कि हिंदुओं केवहां पर अधिकार की ब्रिटिश सरकार ने मान्यता दी. 1877 में उनके लिए एक और रास्ता खोला गया. अंदरूनी हिस्से में मुस्लिमों की नमाज बंद हो जाने का कोई सबूत नहीं मिला है. अंग्रेज़ों ने दोनों हिस्से अलग रखने के लिए रेलिंग बनाई. 1856 से पहले हिन्दू भी अंदरूनी हिस्से में पूजा करते थे. रोकने पर बाहर चबूतरे की पूजा करने लगे. उन्होंने कहा है कि फिर भी मुख्य गुंबद के नीचे गर्भगृह मानते थे. इसलिए रेलिंग के पास आकर पूजा करते थे. साल 1934 के दंगों के बाद मुसलमानों का वहां कब्ज़ा नहीं रहा. वह जगह पर अपना दावा साबित नहीं कर पाए हैं.

-एएसआइ यह स्थापित नहीं कर पाया कि मस्जिद का निर्माण मंदिर को ध्वस्त कर किया गया था: सुप्रीम कोर्ट

-कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ विवादित ढांचे के नीचे एक पुरानी रचना से हिंदू दावा माना नहीं जा सकता है. मुसलमान दावा करते हैं कि मस्ज़िद बनने से साल 1949 तक लगातार नमाज पढ़ते थे, लेकिन 1856-57 तक ऐसा होने का कोई सबूत नहीं है. हिंदुओं के वहां पर अधिकार की ब्रिटिश सरकार ने मान्यता दी. 1877 में उनके लिए एक और रास्ता खोला गया. अंदरूनी हिस्से में मुस्लिमों की नमाज बंद हो जाने का कोई सबूत नहीं मिला है.

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदुओं की आस्था है कि भगवान राम की जन्म गुंबद के नीचे हुआ था. आस्था वैयक्तिक विश्वास का विषय है.

-विवादित जगह पर हिंदू पूजा किया करते थे. गवाहों के क्रॉस एक्जामिनेशन से हिन्दू दावा झूठा साबित नहीं हुआ. चबूतरा,भंडार, सीता रसोई से भी दावे की पुष्टि होती है. हिन्दू परिक्रमा भी किया करते थे. लेकिन टाइटल सिर्फ आस्था से साबित नहीं होती है: सुप्रीम कोर्ट

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदुओं की यह आस्था और उनका यह विश्वास की भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, यह निर्विवाद है.

-बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी. मस्जिद के नीचे विशाल रचना थी: सुप्रीम कोर्ट

-कोर्ट ने कहा है कि एएसआई यह नहीं बता पाए कि मंदिर तोड़कर विवादित ढांचा बना था या नहीं. 12वीं सदी से 16वीं सदी पर वहां क्या हो रहा था, साबित नहीं.केस का फैसला महज एएसआई के नतीजों के आधार पर नहीं हो सकता है. जमीन पर मालिकाना हक का फैसला कानून के हिसाब से होना चाहिए.

-सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा है कि कोर्ट को देखना है कि एक व्यक्ति की आस्था दूसरे का अधिकार न छीने. मस्ज़िद साल 1528 की बनी बताई जाती है, लेकिन कब बनी इससे फर्क नहीं पड़ता. दिसंबर को मूर्ति रखी गयी. जगह नजूल की ज़मीन है. लेकिन राज्य सरकार हाई कोर्ट में कह चुकी है कि वह ज़मीन पर दावा नहीं करना चाहती.

-फैसला पढ़ते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि बाबरी मस्जिद को मीर तकी ने बनाया था. कोर्ट धर्मशास्त्र में पड़े, यह उचित नहीं है. प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट सभी धार्मिक समूहों के हितों की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को बताता है.

-निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज,रामलला को कोर्ट ने कानूनी मान्यता दी.निर्मोही अखाड़ा सेवादार भी नहीं है. रामलला को कोर्ट ने मुख्य पक्षकार माना है. यानी दो में से एक हिंदू पक्ष का दावा खारिज कर दिया है.

-जजमेंट पढ़ना शुरू किया जा चुका है. शिया और सुन्नी केस में एक मत से फैसला आया है. आपको बता दें कि ये मामला आयोध्या केस से अलग है. शिया वक्फ बोर्ड का दावा एकमत से खारिज किया जा चुका है. सीजेआई गोगोई ने कहा कि हमने 1946 के फैजाबाद कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली शिया वक्फ बोर्ड की सिंगल लीव पिटिशन (एसएलपी) को खारिज करने का काम करते हैं.

-कोर्ट नंबर-1 में सीजेआई समेत संविधान पीठ के सभी 5 जज मौजूद हैं. कोर्ट रूम खचाखच भरा हुआ है. सभी संबंधित पक्षों के वकील भी कोर्ट रूम में मौजूद हैं.

-अपने चैंबर में पहुंचे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, कुछ देर मेंसुनायेंगे फैसला.सभी पक्षकार कोर्ट रूम में बैठ चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ठीक साढ़े 10 बजे से फैसला सुनाना शुरू कर देगी. इधर , गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक बुलायी में एनएसए अजीत डोभाल, आईबी चीफ अरविंद कुमार और दूसरे बड़े अधिकारी हिस्सा लेंगे.

-लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने की अपील- हम शांति के पक्ष में शुरू से रहे हैं. मैं बराबर शांति का पुजारी हूं. हम सभी को सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार करना चाहिए.

-फैसले से पहले बोले बाबा रामदेव, हिंदू के लिए ना मुसलमान के लिए जीयें हिंदुस्तान के लिए, निर्णय सर्वमान्य होना चाहिए.

-फैसले से पहले सुप्रीम कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पांच जजों की पीठ कुछ देर बाद ठीक 10:30 बजे सुप्रीम कोर्ट में बैठेगी और फैसला पढ़ना शुरू करेगी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं.

-अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर राजस्थान के जयपुर में भी आज सुबह 10 बजे से अगले 24 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगाने का काम प्रशासन ने किया है.

-अयोध्या पर फैसले से पहले ओडिशा के मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि सभी से अपील है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को स्वीकार करने का काम करें. आइए हम शांति और सद्भाव में रहें. भाईचारे की भावना हमारे धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने की पहचान है.

-योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि हम सभी देशवासी संविधान को मानने वाले हैं और हमारे देश में न्याय की सबसे बड़ी संस्था सुप्रीम कोर्ट है. इसलिए हम सभी लोगों को फर्ज है कि हम कोर्ट के निर्णय के सम्मान करें. पूरी दुनिया हमें देख रही है और हम भाईचारे से रहते हैं ये सभी जानते हैं. हमें दुनिया के सामने एक मिसाल पेश करनी है कि भारत के लोग सांप्रदायिक सद्भाव को बनाकर रखते हैं.

-कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अयोध्या विवाद पर फैसले के मद्देनजर देश की एकता, सामाजिक सद्भाव, और आपसी प्रेम बनाए रखने की अपील की है.

-अयोध्या पर फैसले को देखते हुए एहतियातन दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के आसपास धारा-144 लगाई गयी है. इधर , फैसले के मद्देनजर राजस्थान के जैसलमेर में 30 नवंबर तक धारा-144 लगाई गयी है. पूरे उत्तर प्रदेश में भी धारा-144 लगा दी गयी है.

-टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आज के सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है. वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आज होने वाले प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द करने का काम किया है. इस बीच खबर है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत आरएसएस के नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि संघ प्रमुख भागवत और भैयाजी जोशी अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.

-यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने अपील की कि किसी भी तरह के अफवाह न फैलाएं और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखें. पूरे प्रदेश में धारा-144 लगायी है और उसको डेमोग्राफी के हिसाब से कस्टमाइज किया गया है.यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने फैसले से पहले किया ट्वीट- फ़ैसले को जीत और हार के भाव से न लें आपसी सौहार्द शांति एकता बनाए रखें फ़ैसले का आदर और स्वागत करें.

-अयोध्या विवाद पर सुप्रीम फैसले से पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमें अपनी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मैं सभी से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.

राजस्थान में अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान ने अयोध्या मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के मद्देनजर देशवासियों से न्यायालय के निर्णय का सम्मान करने और शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील की है. दरगाह के दीवान जैनुअल आबदीन अली खान ने कहा कि मैं हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के सभी लोगों और भारतीय नागरिकों से कानून व्यवस्था बनाये रखने तथा न्यायालय के निर्णय का सम्मान करने की अपील करता हूं. यह समय हमारी एकता और भाईचारा दिखाने का है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया हमारी तरफ देख रही है और हम सभी को एकजुटता दिखानी चाहिए और इस फैसले का सम्मानपूर्वक स्वागत करना चाहिए.

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा.

-कांग्रेस के शीर्ष नेता अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के मद्देनजर शनिवार सुबह यानी आज बैठक करेंगे और अपनी आगे की रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे. कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक शनिवार सुबह होगी. जबकि यह बैठक रविवार को होनी थी. वेणुगोपाल ने ट्वीट किया कि सीडब्ल्यूसी की बैठक पुनर्निर्धारित की गयी है और अब यह नौ नवंबर को सुबह पौने नौ बजे 10 जनपथ पर होगी.

-जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने शुक्रवार रात कहा कि विश्वविद्यालय में शनिवार को कोई ‘क्लास’ नहीं होगी. सूत्रों ने बताया कि अयोध्या मामले पर शनिवार को आने वाले फैसले के मद्देनजर एहतियाती उपाय के तहत प्रशासन ने यह फैसला किया है. विश्वविद्यालय ने ट्वीट किया कि शनिवार और रविवार को जामिया में कोई भी क्लास नहीं ली जाएगी. इस संवेदनशील मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले शुक्रवार को विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने शांति और सद्भाव बनाये रखने की अपील की है.

-दिल्ली सरकार ने रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के मद्देनजर शहर के सभी निजी स्कूलों को बंद रखने की सलाह दी है. उल्लेखनीय है कि सभी सरकारी स्कूल महीने का दूसरा शनिवार होने के कारण बंद रहेंगे. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार रात ट्वीट किया कि शनिवार सुबह अयोध्या मामले पर कोर्ट के फैसले को देखते हुए सुरक्षा चिंताएं हैं. सभी सरकारी स्कूल और कई निजी स्कूल कल बंद हैं क्योंकि महीने का दूसरा शनिवार है. हम सभी निजी स्कूलों को भी बंद रखे जाने की सलाह दे रहे हैं.

-राजस्थान सरकार ने निर्देश दिया है कि आज राज्य भर में सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने को कहा. इधर, अयोध्या के सभी प्रमुख मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी नजर आ रही है. शहर के भीतर की बात करें तो यहां चार पहिया वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया गया है.

-सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में शनिवार को अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाने जा रही है. फैसले के मद्देनजर देशभर में सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किये गये हैं. सुप्रीम कोर्ट के बाहर पुलिस ने कड़ी की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रखी है. भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के घर के बाहर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं.

-इधर, अयोध्या शहर के एंट्री गेट और हनुमान गढ़ी मंदिर के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है. फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में डीएम के आदेश पर मध्य रात्रि से मोबाइल इंटरनेट की सेवाओं पर रोक लगा दी गयी है. यही नहीं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में सभी स्कूल कॉलेज बंद रखे गये हैं. जानकारी के अनुसार राजस्थान के भरतपुर जिले में रविवार सुबह 6 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रखीं गयीं हैं.

-आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर एक नोटिस के माध्यम से शुक्रवार की शाम यह जानकारी दी गयी कि शनिवार को अयोध्‍या मामले पर फैसला आ जाएगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ यह ऐतिहासिक फैसला सुबह साढ़े दस बजे सुनायेगी. पीठ ने 16 अक्तूबर को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस एसए बोबडे,जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं.

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