अयोध्या मामले के 12 मुख्य पात्र

परमहंस रामचंद्र दास, मंदिर के दिवंगत पैरोकार दिगंबर अखाड़े के महंत और श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रहे. विश्व हिंदू परिषद के आंदोलन में बड़ी भूमिका निभायी. विवादित स्थल का ताला नहीं खुलने पर आत्मदाह की धमकी दी. 31 जुलाई 2003 को निधन. हाशिम अंसारी, दिवंगत पक्षकार 65 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी. मेलजोल से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2019 1:42 AM

परमहंस रामचंद्र दास, मंदिर के दिवंगत पैरोकार

दिगंबर अखाड़े के महंत और श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रहे. विश्व हिंदू परिषद के आंदोलन में बड़ी भूमिका निभायी. विवादित स्थल का ताला नहीं खुलने पर आत्मदाह की धमकी दी. 31 जुलाई 2003 को निधन.
हाशिम अंसारी, दिवंगत पक्षकार
65 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी. मेलजोल से मामला सुलझाने के पक्षधर थे. महंत परमहंस के साथ एक ही तांगे से मुकदमे की सुनवाई के लिए जाते थे. 96 साल की उम्र में इनका निधन हो गया.
राजीव गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री
एक कांग्रेसी वकील की अर्जी पर जिला जज ने ताला खोलने का आदेश दिया. इसके बाद नवंबर 1989 में राजीव गांधी ने हिंदू संगठनों को विवादित स्थल के पास शिलान्यास करने की इजाजत दे दी.
लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा नेता
सोमनाथ से अयोध्या तक की रथयात्रा शुरू की. लालू प्रसाद ने उन्हें गिरफ्तार करा कर दुमका के मसानजोर में रखवा दिया. सीबीआइ की चार्जशीट में मस्जिद गिराने के षड्यंत्र का मुख्य सूत्रधार बताया गया.
अशोक सिंघल, तत्कालीन अध्यक्ष, विहिप
मंदिर निर्माण आंदोलन के लिए जन समर्थन जुटाने में अहम भूमिका निभायी. 1984 में विज्ञान भवन, दिल्ली में धर्म संसद के आयोजन का मुख्य संचालन किया. राम जन्मभूमि आंदोलन की रणनीति वहीं तय हुई.
मुलायम सिंह यादव, सपा नेता, तत्कालीन मुख्यमंत्री
मंदिर आंदोलन के मुखर विरोधी. 30 अक्तूबर, 1990 को लाखों की तादाद में अयोध्या पहुंचे कारसेवकों को रोकने के लिए पुलिस की गोलीबारी के लिए जिम्मेदार बताये गये. इसमें 16 कारसेवक मारे गये थे.
उमा भारती, भाजपा नेता
मंदिर आंदोलन के महिला चेहरे के तौर पर पहचान बनी. लिब्रहान आयोग ने बाबरी मस्जिद ध्वंस में उनकी भूमिका दोषपूर्ण पायी. भीड़ को उकसाने का आरोप लगा, जिससे उन्होंने इनकार किया.
सैयद शहाबुद्दीन, मुस्लिम नेता
बिहार के किशनगंज से सांसद थे. वे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के नेता भी थे. भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे. मुसलमानों के पैरोकार बन कर उभरे.
पीवी नरसिम्हा राव
तत्कालीन प्रधानमंत्री
इन पर मस्जिद को गिराये जाने से रोकने की कोशिश नहीं करने का आरोप लगा. आरोप लगा कि वह कांग्रेस में थे, पर सहानुभूति हिंदुत्व आंदोलन के साथ थी. राव ने लिखा, अयोध्या में जो कुछ हुआ, वह उनके काबू से बाहर था.
विनय कटियार
बजरंग दल के पहले अध्यक्ष
राम मंदिर आंदोलन के लिए 1984 में बजरंग दल बनाया गया. कटियार ने कमान संभाली.
बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने जन्मभूमि आंदोलन को आक्रामक बनाया. छह दिसंबर, 1992 के बाद उनका राजनीतिक कद तेजी से बढ़ा.
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला. संविधान पीठ के पांचों जजों की रही सर्वसम्मति

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