सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 12 बड़ी बातें

मंदिर के लिए बनाएं ट्रस्ट केंद्र व उप्र सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में ट्रस्ट बनाने के निर्देश. 02.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन. सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा विफल मुस्लिम पक्ष ऐसे सबूत पेश करने में विफल रहा है कि जिससे यह साबित हो सके कि विवादित जमीन पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2019 2:01 AM

मंदिर के लिए बनाएं ट्रस्ट

केंद्र व उप्र सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में ट्रस्ट बनाने के निर्देश. 02.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन.
सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा विफल
मुस्लिम पक्ष ऐसे सबूत पेश करने में विफल रहा है कि जिससे यह साबित हो सके कि विवादित जमीन पर सिर्फ उसका ही अधिकार है.
रामजन्मभूमि कोई व्यक्ति नहीं
रामजन्मभूमि कोई व्यक्ति नहीं है, जो कानून के दायरे में आता हो. आस्था के आधार पर फैसले नहीं लिये जा सकते हैं.
खाली जमीन पर नहीं थी मस्जिद
बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी. एएसआइ के मुताबिक एक गैर इस्लामिक ढांचे के ऊपर ही मस्जिद बनायी गयी थी.
मस्जिद गिराना कानून का उल्लंघन
बाबरी मस्जिद विध्वंस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद को गिराना कानून का उल्लंघन है. यह आपराधिक कृत्य था.
संतुलन बनाना जरूरी होगा
अदालत को संतुलन बनाना होगा. कोर्ट ने पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट पर भरोसा जताया. कहा, इसे नजरअंदाज करना मुश्किल.
मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन
अदालत ने राज्य व केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि मुस्लिम पक्ष को अलग से पांच एकड़ जमीन दी जाए. इस पर नयी मस्जिद बने.
शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज
कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड की विशेष याचिका को खारिज कर दिया. शिया वक्फ बोर्ड ने 1946 में फैजाबाद कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.
निर्मोही अखाड़ा न सेवादार, न श्रद्धालु
निर्मोही अखाड़ा न तो सेवादार है, न भगवान रामलला का श्रद्धालु. ‘लिमिटेशन’ की वजह से अखाड़े का दावा खारिज.
अंदर नमाज, बाहर हिंदू करते थे पूजा
मुस्लिम अंदर नमाज पढ़ा करते थे. हिंदू बाहरी परिसर में पूजा किया करते थे. हालांकि, मुस्लिमों ने मस्जिद को छोड़ा नहीं था.
मध्यस्थता करने वालों की प्रशंसा
कोर्ट ने मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले जस्टिस कलिफुल्ला, श्रीराम पांचू और श्रीश्री रविशंकर की प्रशंसा की.
मीर बकी ने बनवायी मस्जिद
अदालत ने कहा कि बाबरी मस्जिद मीर बकी ने बनवायी थी. अदालत के लिए धर्मशास्त्र के क्षेत्र में जाना सही नहीं होगा.

Next Article

Exit mobile version