अयोध्या राम की, मस्जिद के लिए अयोध्या में ही मिलेगी 05 एकड़ जमीन
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षतावाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या भूमि विवाद में शनिवार को सर्वसम्मति से ऐतिहासिक फैसला दिया. इसके साथ ही 134 सालों से चले आ रहे इस न्यायिक विवाद का समाधान हो गया. शीर्ष अदालत ने विचारणीय भूमि पर मंिदर निर्माण के लिए तीन माह में ट्रस्ट बनाने और […]
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षतावाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या भूमि विवाद में शनिवार को सर्वसम्मति से ऐतिहासिक फैसला दिया. इसके साथ ही 134 सालों से चले आ रहे इस न्यायिक विवाद का समाधान हो गया. शीर्ष अदालत ने विचारणीय भूमि पर मंिदर निर्माण के लिए तीन माह में ट्रस्ट बनाने और मस्जिद के लिए अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का केंद्र व उप्र सरकार को निर्देश दिया.
1045 पन्नों में फैसला इतिहास से लेकर श्लोक तक शामिल
सु प्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर 1045 पन्नों में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. इनमें 929 पन्नों में कोर्ट का आदेश है. बाकी पन्नें इससे जुड़े हैं. एक किताब जैसे दिखने वाले इस आदेश में इतिहास से लेकर सभी पक्षों की दलीलों को विस्तृत रूप से शामिल किया गया है. इसकी भूमिका में दो पक्षों के बीच अयोध्या की 1500 गज जमीन का जिक्र किया गया है.
कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट को भी आदेश में शामिल किया है. एक वाद में संस्कृत के श्लोकों का भी जिक्र गया है. यह फैसला एक से ज्यादा मायनों में ऐतिहासिक है, क्योंकि शीर्ष अदालत के 69 साल के इतिहास में शनिवार को सुनाया जाने वाला संभवत: यह पहला फैसला है.
फैसला : तब और अब
इलाहाबाद कोर्ट: 2010
8189 पेज
सभी तीन पक्षकारों के बीच पूरी विवादित 2.77 एकड़ जमीन बराबर-बराबर विभाजित की गयी थी.
रामलला विराजमान को राम मूर्ति वाली जगह व निर्मोही अखाड़े को राम चबूतरा और सीता रसोई सहित दूसरा हिस्सा दिया गया था.
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को विवादित जमीन का एक तिहाई हिस्सा मिला था.
सुप्रीम कोर्ट : 2019
1045 पेज
जमीन
पूरी जमीन पर मंिदर, निर्माण का दायित्व उस ट्रस्ट को, जिसका केंद्र सरकार गठन करेगी.
हिंदू पक्ष
विवादित जमीन पर मालिकाना हक का निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज. उसे मंिदर निर्माण ट्रस्ट में प्रतिनिधित्व मिलेगा.
मुस्लिम पक्ष
सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा खारिज. अब अयोध्या में ही मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन मिलेगी.