नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही राम मंदिर के निर्माण की तैयारियों पर चर्चा शुरू हो गयी है. विहिप का दावा है कि वह छह महीने में राम मंदिर का ढांचा खड़ा कर देगा. वहीं, विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार की मानें तो अभी यह कहना मुश्किल होगा कि मंदिर का निर्माण कितने दिन में पूरा हो जायेगा.
आलोक ने बताया कि आदेश आने के बाद छह से सात महीने कागजी औपचारिकताएं पूरी करने में लगेंगे. उसके बाद निर्माण करने में तीन-चार साल लग जायेंगे. आलोक ने बताया कि मंदिर निर्माण को लेकर एक कार्यशाला अयोध्या में पिछले दो दशक से लगातार काम कर रही है. कार्यशाला में पहली मंजिल और दूसरी मंजिल में जो खंभे लगने हैं, वह सब तराश कर तैयार भी कर लिए गये हैं.
उन्होंने बताया कि एक खंभे को तराशने में करीब 30 दिन लगते हैं. विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि हमारे पास तराशी हुई इतनी शिलाएं हैं कि हम छह महीने में राम मंदिर का ढांचा खड़ा कर देंगे. 1990 में अयोध्या में कार्यशाला बनायी गयी थी, जहां उच्चकोटि के कारीगरों द्वारा तराशे पत्थर रखे हुए हैं.
विहिप के मुताबिक, अब तक 1.25 लाख क्यूबिक फीट पत्थर को तराशा जा चुका है. दूसरे फ्लोर के लिए 1.75 क्यूबिक फीट पत्थर की जरूरत होगी. प्रथम तल के लिए 75 हजार घनफुट तराशी का काम अभी होना है. यह काम तराशे गये पत्थरों का इस्तेमाल शुरू होने के बाद होगा क्योंकि तराशे गये पत्थरों में काई लगने से वह काले पड़ रहे हैं.