नई दिल्ली : अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला सुनाने वाला है, इसको लेकर पाकिस्तान में भी उत्सुकता बनी रही. फैसले के बारे में लोग पल-पल की अपडेट ले रहे थे. जैसे-जैसे सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाने की तरफ बढ़ता रहा, पाकिस्तानी मीडिया में भी इसको लेकर तमाम तरह की खबरें चलायी जाती रहीं. पाकिस्तान के जियो चैनल पर सुबह से फैसला आने तक लोगों की दिलचस्पी बनी रही.
बाबरी मस्जिद के लिए अयोध्या में कहीं और अलग से जमीन दिये जाने पर भी लोगों के बीच चर्चा होती रही. मीडिया में कहा गया कि शिया वक्फ बोर्ड को अलग जमीन देकर उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश की गयी है. चूंकि, कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को भी मस्जिद के लिए जमीन देने का निर्देश दिया है, ऐसे में पाक मीडिया कोई तल्ख टिप्पणी नहीं कर पाया.
जियो चैनल के हामिद मीर ने इतना ही कहा कि कोर्ट ने दोनों पक्षों को साधने का प्रयास किया है. इसी बीच, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अयोध्या मामले पर फैसले की टाइमिंग को लेकर नाराजगी जाहिर की है. कुरैशी ने कहा कि जिस दिन करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन हो रहा है, उसी वक्त अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया जा रहा है.
डॉन न्यूज टीवी से बातचीत में कुरैशी ने कहा कि क्या अयोध्या मामले पर फैसले के लिए कुछ दिनों का इंतजार नहीं किया जा सकता था? इस तरह के खुशी के मौके पर संवेदनशीलता देखकर मैं बेहद दुखी हूं. कुरैशी ने आगे कहा कि आपको इस खुशी के मौके में शामिल होना चाहिए था और लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए थी. अयोध्या मामला संवेदनशील मुद्दा है और इसे खुशी के दिन का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए था.
कुरैशी के कड़वे बोल- करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के दिन फैसला, ध्यान भटकाने की कोशिश
देखना होगा कि जमीन कहां मिलती है : पाक रेल मंत्री शेख रशीद
पाक रेलवे मंत्री शेख रशीद ने कहा कि कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को उस जमीन से एकदम बेदखल कर दिया और दूसरी जगह देने का निर्देश दिया है. अब देखना यह होगा कि वह जमीन अयोध्या में मिलती है या किसी दूसरी जगह. जहां के लिए वे लड़ाई लड़ रहे थे वहां पर उनको कुछ भी नहीं दिया गया. हालांकि, सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन दिये जाने पर उन्होंने संतुष्टि जताते हुए कहा कि कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए एएसआइ की रिपोर्ट को खास तवज्जो दी.
विदेशी मीडिया ने भी दी प्रतिक्रिया
द डॉन
पाकिस्तान के डॉन अखबार ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में फैसले का तो सही उल्लेख किया है, लेकिन एकतरफा विचार व्यक्त करने से खुद को रोक नहीं पाया. लिखा कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने ने शनिवार को विवादित भूमि पर हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया. डॉन ने कहा कि अयोध्या की भूमि पर एक मंदिर का निर्माण किया जायेगा.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून
एक अन्य पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने भी इसे हिंदू राष्ट्रवादियों की जीत बताया है. खबर में लिखा है कि भारत की सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है. अखबार ने आगे यह भी कहा है कि, मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी के समर्थकों सहित भारत के बहुसंख्यक हिंदू कट्टरपंथियों का मानना है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था.
वाशिंगटन पोस्ट
अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित खबर के शीर्षक में अयोध्या को भारत का सबसे विवादित धार्मिक स्थल बताया. लिखा कि दशकों पुराने विवाद में आया यह फैसला, पीएम मोदी के लिए एक बड़ी जीत है. अखबार ने पीएम मोदी के उस ट्वीट का भी उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने देश से शांति बनाये रखने की अपील की थी.
न्यूयार्क टाइम्स
एक अन्य अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शनिवार को हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया. इसे लेकर मुसलमानों का दावा है कि तीन दशक पहले वहां मस्जिद जहां खड़ी थी. कोर्ट का निर्णय हिंदुओं को एक मंदिर का निर्माण करने की अनुमति देता है. अखबार ने लिखा कि कई हिंदुओं का मानना है कि विवादित स्थल उनके पूजनीय भगवान राम का जन्मस्थान था.