महाराष्ट्र में किसकी सरकार ? जब भाजपा होगी नाकाम तब शिवसेना खोलेगी पत्ते
मुंबई : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार शाम राज्य में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने के लिये न्योता दिया जिसके बाद पार्टी हरकत में आ गयी है. अब सरकार बनाने को लेकर पिछले 15 दिनों से चल रहे गतिरोध के खत्म होने की उम्मीद जतायी जा रही है लेकिन रविवार […]
मुंबई : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार शाम राज्य में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने के लिये न्योता दिया जिसके बाद पार्टी हरकत में आ गयी है. अब सरकार बनाने को लेकर पिछले 15 दिनों से चल रहे गतिरोध के खत्म होने की उम्मीद जतायी जा रही है लेकिन रविवार को शिवसेना की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया और ऐसी बात कही गयी जिससे कई तरह की बातें निकलने की बात लोग कर रहे हैं.
शिवसेना के नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि यदि महाराष्ट्र में कोई और सरकार गठित नहीं कर पाता है तो उनकी पार्टी अपनी अगली रणनीतिक की घोषणा करेगी. राउत ने पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार गठित करने के लिए भाजपा को आमंत्रित करने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्णय का स्वागत करती है. उन्होंने कहा कि अब हम उम्मीद करते हैं कि राज्यपाल के हस्तक्षेप से राज्य को सरकार मिल जाएगी.
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि सबसे बड़े एकल दल को बुलाया जाना था. हमें समझ नहीं आता कि यदि भाजपा को बहुमत का भरोसा था तो उसने (परिणाम घोषित होने के) 24 घंटे बाद ही दावा क्यों नहीं किया. शिवसेना की आगे की योजना के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि राज्यपाल के पहले कदम पर तस्वीर साफ हो जाने दीजिए. यदि कोई और सरकार गठित नहीं कर पाता है तो शिवसेना अपनी रणनीति घोषित करेगी.
उन्होंने बताया कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पार्टी विधायकों से रविवार अपराह्न साढ़े 12 बजे मुलाकात करेंगे. ठाकरे के निवास के बाहर यहां शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग करते हुए लगाए पोस्टरों के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे शिवसेना के नेता हैं और वह सही समय पर उचित फैसला करेंगे. उन्होंने पहले ही कह दिया है कि वह शिवसेना के किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाएंगे.
इससे पहले उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में राज्य में सरकार गठन पर गतिरोध की पृष्ठभूमि में जर्मन तानाशाह अडोल्फ हिटलर का जिक्र किया और महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस पर निशाना साधते हुए उन पर डर की राजनीति खेलने का आरोप किया. राउत ने फड़णवीस का नाम लिए बगैर कहा कि जब राजनीतिक सहयोग हासिल करने की कोशिश और धमकाने के तरीके काम नहीं करते तो यह स्वीकार करने का समय होता है कि हिटलर मर चुका है और गुलामी के गहराते बादल छंट गये हैं.
उन्होंने अपने लेख में कहा कि फड़णवीस को दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद मिला था, इसके बावजूद वह इस पद पर नहीं बैठ पाए. राउत ने कहा कि वह शपथ इसलिए नहीं ले पाए क्योंकि भाजपा प्रमुख अमित शाह राज्य की गतिविधियों से दूर हैं. उन्होंने कहा कि परिणाम घोषित होने के 15 दिन बाद भी फड़णवीस मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण नहीं कर पाए.
राउत ने कहा कि भाजपा का सबसे बड़ा सहयोगी दल शिवसेना निवर्तमान मुख्यमंत्री से बात करने को तैयार नहीं है, यह (भाजपा की) सबसे बड़ी हार है. इस बार शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री का चयन करेंगे. उन्होंने कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से कहा है कि उनकी प्राथमिकता यह है कि राज्य में कोई ‘‘गैर भाजपाई’ मुख्यमंत्री बने. उल्लेखनीय है कि 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की. राज्य में 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए 145 सीटों पर जीत की आवश्यकता होती है.