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महाराष्‍ट्र में सरकार को लेकर गतिरोध कायम, शिवसेना चूकी, राज्‍यपाल ने NCP को दिया न्‍योता

* एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, 24 तारीख को नतीजे आये, बीजेपी-शिवसेना को बहुमत मिला था. हालांकि उन्होंने सरकार नहीं बनाई. फिर शिवसेना ने राज्यपाल से अतिरिक्त समय मांगा, लेकिन राज्यपाल ने 24 घंटे की समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया. हमें भी बुलाया गया है, हमारा एक शिष्टमंडल राज्यपाल के पास गया […]

* एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, 24 तारीख को नतीजे आये, बीजेपी-शिवसेना को बहुमत मिला था. हालांकि उन्होंने सरकार नहीं बनाई. फिर शिवसेना ने राज्यपाल से अतिरिक्त समय मांगा, लेकिन राज्यपाल ने 24 घंटे की समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया.
हमें भी बुलाया गया है, हमारा एक शिष्टमंडल राज्यपाल के पास गया है. हमें पता चला है कि सरकार बनाने के लिए हमें बुलाया है. हम कांग्रेस के साथ चर्चा करके अंतिम फैसला करेंगे.
* राज्‍यपाल की ओर से एनसीपी को सरकार बनाने का न्‍योता मिलने के बाद पार्टी नेता नवाब मलिक ने कहा, सरकार बनाने के लिए राज्‍यपाल ने उनकी पार्टी को न्‍योता दिया है. हमें 24 घंटे का समय मिला है, लेकिन हम अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस से चर्चा करेंगे. कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि एनसीपी जो फैसला लेगी हम उसके साथ हैं.
* राज्‍यपाल ने NCP को अगले 24 घंटे का समय दिया है. मंगलवार रात 8 बजे तक NCP को अपना संख्‍या बल दिखाना होगा.
* महाराष्‍ट्र में सरकार बनाने से शिवसेना के चूक जाने के बाद राज्‍यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने का न्‍योता दिया है. शिवसेना को 7:30 तक का समय दिया गया था, लेकिन दावा पेश नहीं किया जा सका. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय सदन में भाजपा 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि 56 विधायकों के साथ शिवसेना दूसरी बड़ी पार्टी, और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 54 विधायकों के साथ राज्‍य में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं.
* कांग्रेस के नेता मानिकराव ठाकरे ने कहा है कि न तो हमारा और न ही NCP का लेटर अभी महाराष्ट्र के राज्यपाल तक पहुंचा है. फैसला किया गया है कि दो नेता शरद पवार से चर्चा करने के लिए भेजे जाएंगे. वहां उस बैठक में राज्य के नेता भी शामिल होंगे. इस चर्चा के बाद आगे कदम बढ़ाया जाएगा.
* आदित्य ठाकरे ने कहा, हमने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने की इच्छा जाहिर की. हमारा दावा अभी खारिज नहीं हुआ, राज्यपाल ने 24 घंटे का वक्त सरकार बनाने की इच्छा जताने के लिए दिया था. हमने उन्हें बता दिया है. हमने राज्यपाल से 2 दिनों का अतिरिक्त वक्त मांगा था, जो नहीं मिला. हालांकि सरकार बनाने का हमारा दावा खारिज नहीं हुआ। हम सरकार बनाने की कोशिश जारी रखेंगे.
* हालांकि आज खबर आयी थी कि कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन देने पर राजी हो गयी है. लेकिन दिल्‍ली में सोनिया गांधी के आवास पर चली लंबी बैठक के बाद यह स्थिति साफ हो पायी कि पार्टी ने फिलहाल समर्थन का ऐलान नहीं किया है. उसे कुछ समय और चाहिए.
* कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने पर और समय मांगा है.
* सोनिया गांधी के साथ बैठक के बाद कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे ने साथ किया कि कांग्रेस ने अपना बयान जारी कर दिया कि किसी भी फैसले के लिए एनसीपी से और बातचीत की जरूरत है.
* राज्‍यपाल से मुलाकात के बाद शिवसेना विधायक आदित्‍य ठाकरे ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस किया. प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में उन्‍होंने बताया कि उन्‍होंने राज्‍यपाल से मिलकर दो दिनों की मोहलत मांगी है, लेकिन राज्‍यपाल ने इसपर स्थिति साफ नहीं की है. राज्‍यपाल ने शिवसेना को 7:30 बजे तक दावा पेश करने का समय दिया था.
इधर आदित्‍य ठाकरे ने कांग्रेस समर्थन के बारे में कुछ नहीं कहा. दूसरी ओर कांग्रेस ने बयान जारी कर बताया कि शिवसेना को अभी समर्थन नहीं दिया गया है. हालांकि समर्थन पर एनसीपी के साथ उनकी बातचीत जारी है.
* शिवसेना महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय सदन में दूसरी बड़ी पार्टी है जिसके 56 विधायक हैं. भाजपा के 105 विधायक है. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के क्रमश: 44 और 54 विधायक है.
* शिवसेना विधायक आदित्‍य ठाकरे और एकनाथ शिंदे राज्‍यपाल से मिलने के लिए निकल चुके हैं. शिवसेना को 7:30 तक हर हाल में दावा पेश करना होगा.
* कांग्रेस ने शिवसेना को सैद्धांतिक रूप से समर्थन देने का फैसला किया है. बाद में पार्टी सरकार में शामिल होने पर निर्णय लेगी.
* महाराष्‍ट्र में शिवसेना का सरकार बनना तय लगता है. कांग्रेस ने उद्धव को समर्थन देने की हामी भर दी है. सूत्रों कांग्रेस की ओर से समर्थन का पत्र भी कांग्रेस को मिल गया है. समर्थन करने के लिए सोनिया गांधी और पवार के बीच बात हुई. महाराष्‍ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की दरकार है, जबकि कांग्रेस-एनसीपी के पास 102 और शिवसेना के पास 56 सीटें हैं.
* महाराष्‍ट्र में सरकार गठन को लेकर हलचल तेज, उद्धव ठाकरे ने की सोनिया गांधी से फोन पर बात की. शिवसेना चाहती है कि कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्‍ट्र में सरकार बने. हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि सोनिया गांधी ने उद्धव से थोड़ा समय मांगा है. उन्‍होंने कहा, कांग्रेस विधायकों के साथ बातचीत के बाद ही वो कोई फैसला करेंगी.
*महाराष्‍ट्र की राजनीति अब दिल्‍ली शिफ्ट हो गयी है. सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ में कांग्रेस नेताओं की बैठक शुरू हो चुकी है. बैठक में कांग्रेस के कई वरिष्‍ठ नेता मौजूद हैं. जिसमें अहमद पटेल, एके ऐंटनी, अशोक चौहाण भी शामिल हैं. दरअसल महाराष्ट्र की स्थितियों के मद्देनजर कांग्रेस नेताओं (महाराष्ट्र कांग्रेस) को चर्चा के लिए बुलाया गया है.
* जनता दल (सेकुलर) के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा, अगर कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देती है, तो उन्हें अगले 5 साल तक परेशान नहीं होना चाहिए. तभी लोग कांग्रेस पर भरोसा करेंगे.
एचडी देवगौड़ा ने कहा, महाराष्ट्र में बीजेपी को बालासाहेब ने जगह दी थी. लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी बालासाहेब के घर पहुंचे थे और उनसे सीटों के लिए आग्रह किया था. बीजेपी ने उन्हें ही रौंदने की कोशिश की. इसी वजह से उद्धव ने यह तय किया कि वह उन्हें सबक सिखाएंगे. अब कांग्रेस और एनसीपी के पास बीजेपी को नीचे गिराने का मौका है.
-शिवसेना के अरविंद सावंत ने आदित्‍य ठाकरे को दूरदर्शी नेता बताया. उन्‍होंने कहा, जब आप आदित्य ठाकरे को यू-ट्यूब पर देखेंगे तो आपको उनकी क्षमता का पता चलेगा. इस युवा लड़के के पास क्या क्षमता है! वह देश का दूरदर्शी नेता है.
मुंबई : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को यहां राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की और समझा जाता है कि ठाकरे ने पवार से महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए उनकी पार्टी के समर्थन का अनुरोध किया.
ठाकरे और पवार ने एक उपनगरीय होटल में बातचीत की. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार गठन के लिए दावा पेश करने की खातिर शाम साढ़े सात बजे तक का समय दिया है. सूत्रों ने बताया कि 45 मिनट की इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने कृषि मुद्दे समेत ‘न्यूनतम साझा कार्यक्रम’ पर भी चर्चा की जो सरकार बनने की स्थिति में उनकी सरकार के लिए दिशानिर्देश का काम करेगा.
राकांपा ने अबतक अपने इस फैसले की घोषणा नहीं की है कि वह शिवसेना का समर्थन करेगी या नहीं. उसने कहा है कि वह अपने सहयोगी कांग्रेस द्वारा उठाये जाने वाले कदम के आधार पर निर्णय लेगी. कांग्रेस के शीर्ष नेता यह तय करने के लिए दिल्ली में आज शाम महाराष्ट्र के पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे कि इस गतिरोध के बीच पार्टी क्या रूख अपनाए.
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के पास 56 सीटें हैं, जबकि राकांपा और कांग्रेस के पास क्रमश: 54 और 44 सीटें हैं. राज्य में सरकार बनाने को इच्छुक किसी भी दल या गठबंधन को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.
सूत्र ने कहा, शिवसेना प्रमुख ने पवार साहब से समर्थन का अनुरोध किया. उन्होंने न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर भी चर्चा की. सूत्र ने बताया कि पवार के साथ उद्धव ठाकरे के साथ उनके बेटे आदित्य ठाकरे और पार्टी नेता संजय राउत भी थे. सूत्रों के अनुसार राकांपा की ओर से वरिष्ठ नेता अजीत पवार और सुनील तटकर भी मौजूद थे. कांग्रेस और राकांपा अपने-अपने पार्टी स्तर पर बातचीत कर रही हैं कि क्या राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दिया जाए.
कोश्यारी ने रविवार को शिवसेना को सरकार गठन करने का दावा पेश करने के लिए अपनी इच्छा और सामर्थ्य का संकेत देने के लिए बुलाया था. उससे पहले 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा ने राज्य में सरकार गठन के लिए दावा पेश नहीं करने का फैसला किया था.

महाराष्ट्र में सरकार गठन पर कुछ वक्त बाद तस्वीर साफ हो जाएगी. शाम 4 बजे दिल्ली में कांग्रेस की दूसरी बैठक होनी है, जिसमें महाराष्ट्र के तमाम पार्टी नेताओं को बुलाया गया है. इस बैठक में ही शिवसेना को समर्थन देने पर फैसला किया जाएगा. कांग्रेस के फैसले के बाद एनसीपी भी अपना निर्णय लेगी. अगर दोनों पार्टियां शिवसेना को समर्थन देने के लिए राजी हो जाती हैं तो आज शाम तक ही महाराष्ट्र में सरकार गठन पर पिक्चर स्पष्ट हो जाएगी.

अभी-अभी मिली जानकारी के मुताबिक शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात करने पहुंचे हैं. एनसीपी ने शिवसेना के सामने एनडीए से बाहर होने की मांग रखी थी. जबकि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद के लिए एनसीपी का समर्थन चाहिए. दोनों के बीच अभी बातचीत चल रही है. बताया जा रहा है कि बैठक के बाद उद्धव ठाकरे राज्यपाल से मिलने जाएंगे.
इधर, केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल से शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने सोमवार सुबह ही इस बात का एलान किया था. उ्होंने कहा कि जब मैंने इस्तीफा दे दिया है, तो इसका मतलब आप समझ सकते हैं. भाजपा ने कहा कुछ और किया कुछ. उसने हम लोगों को धोखा दिया.
महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर सस्पेंस और गहरा गया है. महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति को लेकर कांग्रेस ने अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं. सोनिया गांधी के घर हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी के बाद महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने स्थिति को लेकर चर्चा की है. शाम चार बजे महाराष्ट्र के नेताओं के साथ दोबारा चर्चा होगी, इसके बाद कोई फैसला होगा.

एनसीपी कोर कमेटी की बैठक के बाद नवाब मलिक ने कहा- कांग्रेस के फैसले के बाद ही एनसीपी फैसला लेगी. क्योंकि हमने साथ में चुनाव लड़ा था इसलिए हमारा दायित्व बनता है कि जो भी निर्णय लें साथ में लें. कांग्रेस के निर्णय से पहले हम निर्णय नहीं लेंगे. चार बजे कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र के नेताओं के साथ बैठक करेगी, इसलिए हम इस बैठक के फैसले का इंतजार करेंगे. यह सच है कि विधायकों का कहना है कि हमें सरकार बनानी चाहिए लेकिन सारा फैसला कांग्रेस की बैठक के निर्णय पर टिका है. हमारी पार्टी वैकल्पिक सरकार के लिए तैयार हैं लेकिन कांग्रेस के साथ.

दिल्ली में सीनियर कांग्रेस नेता अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक के लिए पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पहुंच चुके हैं. महाराष्ट्र की राजनीतिक हालात पर चर्चा जारी.

महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी-कांग्रेस सरकार अब लगभग तय हो गई है. कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना के साथ जाना है या नहीं इस पर फैसला लेने के लिए कोर कमेटी की बैठक बुलाई है. कांग्रेस के आधिकारिक फैसले से पहले ही मुंबई पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.
संजय निरूपम ने ट्विटर पर लिखा, इससे फर्क नहीं पड़ता कि कौन सरकार बनाता है और कैसे सरकार बनती है. लेकिन महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता से अब इंकार नहीं किया जा सकता है. जल्द चुनाव के लिए तैयार रहें. चुनाव 2020 में हो सकते हैं? क्या हम गठबंधन के साथी के रूप में शिवसेना के साथ चुनाव में जा सकते हैं?

एनसीपी कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे प्रफुल्ल ने कहा, महाराष्ट्र में राजनीतिक परिस्थिति रोज बदल रही है, ऐसे में पार्टी की सोच और रणनीति को लेकर बैठक बुलाई गई है. मीडिया में कई तरह की खबरें चल रही हैं लेकिन यह गंभीर मसला है. विस्तार से चर्चा के बाद फैसला लेंगे. बता दें कि थोड़ी देर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर पर कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक भी शुरू होने वाली है.
केंद्र की मोदी सरकार में शिवसेना के कोटे से मंत्री अरविंद सावंत के पद से इस्तीफा देने के बाद शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी के साथ उसके रिश्‍ते अब केवल औपचारिकता मात्र हैं. शिवसेना प्रवक्‍ता संजय राउत सोमवार को कहा कि बीजेपी ने अहंकार दिखाया है. 50-50 का फॉर्म्‍यूला पहले तय हो गया था, लेकिन बीजेपी पीछे हट गई. बीजेपी को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए 72 घंटे का वक्त दिया गया, हमें इतना कम दिया गया. यह बीजेपी की साजिश है राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की.

उन्‍होंने कहा कि बीजेपी के साथ अब शिवसेना का रिश्‍ता औपचारिकता मात्र है. उधर, एनसीपी के चीफ शरद पवार ने ऐलान किया है कि कांग्रेस के साथ बातचीत के बाद ही वह शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर कोई फैसला लेगी. ऐसे में पवार के बयान से एक बार महाराष्ट्र का सियासी सस्पेंस बढ़ गया है.

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