BJP-PDP मिलकर सरकार बना सकती है तो शिवसेना के साथ कांग्रेस-NCP क्यों नहीं”

मुंबईः शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस और एनसीपी को अपने उन पुराने बयानों को याद करना चाहिए जब वह कहते थे कि बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए कुछ भी संभव किया जा सकता है. राउत ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी मिलकर सरकार बना सकती है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2019 2:49 PM
मुंबईः शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस और एनसीपी को अपने उन पुराने बयानों को याद करना चाहिए जब वह कहते थे कि बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए कुछ भी संभव किया जा सकता है. राउत ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी मिलकर सरकार बना सकती है तो शिवसेना के साथ एनसीपी और कांग्रेस क्यों सरकार नहीं बना सकती.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी के बाद शिवसेना को सरकार बनाने के लिए 24 घंटे का समय दिया है. राउत ने कहा कि राज्यपाल ने हमें 24 घंटे का समय दिया है, जबकि भाजपा को 72 घंटे का समय दिया गया था. सरकार बनाना हमारी जिम्मेदारी है लेकिन जब कई लोगों को एक साथ लाना होता है तो इसके लिए समय की आवश्यकता होती है.
लेकिन कुछ लोग इस राज्य को राष्ट्रपति शासन की ओर धकेलने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनाने में सक्षम नहीं होने के लिए हमें कैसे दोष दे सकती है? सच तो यह है कि बीजेपी सीएम पद हमारे साथ साझा न करने पर अड़ी है. यह ‘अहंकार’ (अहंकार) और ‘द्वेश’ (घृणा) है.
राउत ने कहा यह बीजेपी की ज़िम्मेदारी थी कि वह अपने सहयोगी के साथ जो तय करे उसे लागू करे और महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार दे और ऐसी स्थिति न बने. यह लोगों का अपमान है. भाजपा द्वारा राज्यपाल को बताया गया कि सेना तैयार नहीं है और इसलिए सरकार नहीं बनाई जा सकती है. लेकिन हमसे कभी भी विचार-विमर्श करने के बारे में नहीं पूछा गया.
विकल्प मुहैया कराना हम सभी की जिम्मेदारी
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर जारी गतिरोध के बीच राकांपा नेता नवाब मलिक ने सोमवार को कहा कि राज्य में लोगों की दशा को ध्यान में रखते हुए एक विकल्प उपलब्ध कराना “हम सभी की” जिम्मेदारी है. हालांकि मलिक ने यह भी कहा कि राकांपा शाम में कोई भी फैसला अपनी सहयोगी कांग्रेस के साथ सहमति बना कर ही लेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना और राकांपा के बीच संवाद जारी है.
सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राकांपा के शिवसेना को समर्थन देने की संभावनाओं की खबरों के बीच मलिक ने यहां संवाददाताओं से कहा कि एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर काम करने के साथ ही “कुछ बड़े मुद्दों” पर सहमति बनाने की जरूरत है.

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