नयी दिल्ली : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को दावा किया कि आयकर विभाग ने 3,300 करोड़ रुपये के गैर-कानूनी हवाला धंधे में लगे गिरोह का भांडाफोड़ किया है. गिरोह का जाल दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद जैसे शहरों में फैला हुआ था. इसका बुनियादी संरचना क्षेत्र में कारोबार करने वाले कई शीर्ष कॉरपोरेट घरानों से संबंध है. सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि कर चोरी के इस बड़े खेल को उजागर करने के लिए दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, इरोड, पुणे, आगरा और गोवा में 42 परिसरों पर इस महीने के पहले सप्ताह में छापेमारी की गयी.
उसने कहा कि इन छापेमारी से बुनियादी संरचना के शीर्ष कॉरपोरेट घरानों द्वारा फर्जी अनुबंधों तथा बिलों के जरिये कर चोरी के बड़े रैकेट का पता चला. हालांकि, सीबीडीटी ने इन निकायों का नाम नहीं बताया, जिनके परिसरों पर छापेमारी की गयी. सीबीडीटी ने कहा कि सार्वजनिक बुनियादी संरचनाओं पर खर्च की जाने वाली राशि का एंट्री ऑपरेटरों, लॉबी करने वालों तथा हवाला डीलरों के जरिये हेर-फेर किया गया.
बयान में कहा गया कि पैसों का हेर-फेर करने में संलिप्त कंपनियां मुख्य तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और मुंबई में स्थित हैं. इस तरह की एक अन्य कंपनी की तलाशी इस साल अप्रैल में ली गयी थी. सीबीडीटी ने कहा कि जिन परियोजनाओं की राशि का हेर-फेर किया गया, वे प्रमुख बुनियादी संरचना तथा आर्थिक तौर पिछड़ी श्रेणी से जुड़ी परियोजनाएं हैं.
सीबीडीटी ने कहा कि छापेमारी में आंध्र प्रदेश के एक नामी गिरामी व्यक्ति को 150 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के भी सबूत मिले हैं. उसने कहा कि इस छापेमारी में 4.19 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी तथा 3.20 करोड़ रुपये के आभूषण भी बरामद किये गये.