#GuruNanakJayanti : उपराष्ट्रपति, पीएम मोदी, शाह और सोनिया गांधी ने दी गुरूपर्व की बधाई

नयी दिल्ली : गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सिख समुदाय के लोगों को बधाई दी. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अपने संदेश में कहा कि गुरु नानक देव की शिक्षाओं को सामाजिक सौहार्द का मूलमंत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2019 2:02 PM

नयी दिल्ली : गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सिख समुदाय के लोगों को बधाई दी. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अपने संदेश में कहा कि गुरु नानक देव की शिक्षाओं को सामाजिक सौहार्द का मूलमंत्र बनायें और उसका अनुसरण करें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर मंगलवार को शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज निष्पक्ष, समावेशी और सद्भावनापूर्ण समाज के उनके सपने को पूरा करने का दिन है. प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘आज, श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के विशेष अवसर पर सभी को मेरी शुभकामनाएं. यह श्री गुरु नानक देव जी के निष्पक्ष, समावेशी और सद्भावनापूर्ण समाज के सपने को पूरा करने के लिए खुद को पुन: समर्पित करने का दिन है.’ गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक हैं.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरु नानक देव को भारत की समृद्ध संत परंपरा का अद्वितीय प्रतीक और मोदी सरकार को उनके विचारों एवं शिक्षाओं के प्रति समर्पित बताते हुए देशवासियों को गुरु पर्व की बधाई दी. गुरु नानक के 550वें प्रकाश पर्व पर सिलसिलेवार ट्वीट कर शाह ने कहा कि गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री द्वारा देशवासियों को समर्पित ऐतिहासिक ‘करतारपुर गलियारा’ गुरु नानक को सच्ची श्रद्धांजलि है.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि आपसी प्रेम, सच्चाई, भाईचारे और सही रास्ते पर चलने की गुरु नानक की शिक्षा शाश्वत प्रासांगिक हैं और यह इसकी अपील समय से परे विश्वस्तर की हैं. गांधी ने अपने संदेश में कहा,‘‘उनके संदेश आज भी उतने ही सच्चे हैं जितने 500 साल से ज्यादा पहले, जब उन्होंने यह संदेश दिए थे. प्रत्येक व्यक्ति शांति और सौहार्द के वातावरण में रहे यह सुनिश्चित करने के लिए विश्व को उनकी शिक्षा का अनुसरण करने की जरूरत है.’

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