प्रदूषण से बेहाल हुई राजधानी दिल्ली: दृश्यता लगभग शून्य, ऑक्सीजन खरीदने पर मजबूर हुए लोग
नयी दिल्ली: राजधानी दिल्ली को प्रदूषण से फिलहाल कोई राहत नहीं मिल पायी है. दिल्ली सरकार द्वारा कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाने और सड़कों पर वाहनों के परिचालन में ऑड-इवन फार्मूला लागू किए जाने के बावजूद कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है. दिल्ली की हवाओं में स्मॉग फैला हुआ है और विजिबिलिटी काफी कम हो […]
नयी दिल्ली: राजधानी दिल्ली को प्रदूषण से फिलहाल कोई राहत नहीं मिल पायी है. दिल्ली सरकार द्वारा कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाने और सड़कों पर वाहनों के परिचालन में ऑड-इवन फार्मूला लागू किए जाने के बावजूद कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है. दिल्ली की हवाओं में स्मॉग फैला हुआ है और विजिबिलिटी काफी कम हो गयी है. गाजियाबाद, नोएडा और गुरूग्राम में भी हवा जहरीली हो चुकी है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-24 में दृश्यता लगभग शून्य है.
Delhi: Thick layer of smog blankets several areas in the national capital; Visuals from All India Institute of Medical Sciences and National Highway-24 pic.twitter.com/btxvdx6LMQ
— ANI (@ANI) November 15, 2019
स्कूलों में दे दी गयी है छुट्टी
शुक्रवार सुबह दिल्ली में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक आईटीओ इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स पीएम 2.5 और 10 के तहत 489 दर्ज किया गया जो कि गंभीर श्रेणी के प्रदूषण मानक के अंतर्गत आता है. वहीं दिल्ली के लोधी रोड इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 दर्ज किया गया जो अति गंभीर श्रेणी के प्रदूषण के तहत आता है. हालात इतने खराब हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में दो दिनों के लिए सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश सरकार को जारी करना पड़ा. शिक्षण संस्थान बंद होने से स्कूली बच्चों को तो राहत मिल गयी लेकिन उन बच्चों का क्या जो फुटपाथ पर बैलून या फिर कोई और सामान बेच रहे हैं.
Delhi: Street children forced to breathe polluted air
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— ANI Digital (@ani_digital) November 15, 2019
समाचार एजेंसी एएनआई ने उन बच्चों से बातचीत की. फूटपाथ पर बैलून बेच रहे बच्चों ने बताया कि उनकी आंखों में जलन हो रही है वहीं सांस लेने में तकलीफ है. एक बच्चे ने बताया कि वे लोग मास्क खरीद पाने में असमर्थ हैं. उनकी मजबूरी है कि उन्हें खुले में दिन भर सामान बेचना पड़ता है.
गैस चैंबर सी बन गयी है दिल्ली
प्रदूषण का आलम ये है कि दिल्ली गैस चैंबर बनी हुई है. दृश्यता इतनी कम है कि 100 मीटर आगे तक का कुछ दिखाई नहीं देता. लोग आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ जैसी शिकायत कर रहे हैं. सांस और त्वचा संबंधी दिक्कतों को लेकर लोग अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि दिल्ली के जो हालात बने हैं उसकी वजह से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं.
यूनिसेफ द्वारा जारी एक आंकड़े के मुताबिक दुनियाभर में तकरीबन 3 करोड़ बच्चे अति गंभीर श्रेणी के प्रदूषण वाले हालात में सांस लेने को मजबूर हैं जिसका काफी बड़ा हिस्सा हिन्दुस्तान का भी है.
दिल्ली में मास्क की बिक्री बढ़ी
इधर दिल्ली-एनसीआर में जहां प्रदूषण की वजह से हाय-तौबा मची है वहीं कई कंपनियों ने यहां भी बाजार तलाश लिया है. दिल्ली में मास्क की बिक्री बढ़ गयी है. यही नहीं, दिल्ली में एयर-प्यूरीफायर से लेकर ऑक्सीजन बॉक्स तक सबकुछ मिल रहा है. जो लोग समर्थ हैं वो आराम से एसी और कूलर चलाते हुए ऑक्सीजन मास्क लगाए अपनी बॉलकनी में घूम रहे हैं.
इसी सिलसिले में दिल्ली के साकेत स्थित एक ऑक्सीजन बार ऑक्सी प्योर अपने ग्राहकों को सात अलग-अलग सुगंध जिसमें लेमनग्रास, नारंगी, भाला, पुदीना, नीलगिरि और लैवेंडर शामिल है, में शुद्ध ऑक्सीजन की पेशकश कर रहा है.
प्रदूषण पर राजनीति भी हुई तेज
इधर दिल्ली में प्रदूषण को लेकर राजनीति भी तेज हो गयी है. कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने केजरीवाल सरकार पर प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. कांग्रेस का आरोप है कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जो फंड इकट्ठा किया गया था उसका काफी कम हिस्सा सही उद्देश्य में खर्च हुआ है.
वहीं पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने भी दिल्ली में प्रदूषण को लेकर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है. गंभीर ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को कंट्रोल करने में नाकाम रही है.
वहीं इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक दिल्ली में अगले दो-तीन दिन में हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि यदि हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं होता है कि हम 18 नवंबर को वाहनों के परिचालन में ऑड-इवन स्कीम का विस्तार करने पर निर्णय लेंगे.