सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहाः दिल्ली में जगह- जगह एयर प्यूरीफायर टावर लगाने पर करें विचार
नयी दिल्लीः राष्ट्रीय राजथानी दिल्ली बीते कई दिनों से धुंध की मोटी चादर में लिपटी है. वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर की श्रेणी में है. अनेक स्थानों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर सामान्य से कम से कम आठ गुना अधिक रह रहा है. दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के कारण छाई […]
नयी दिल्लीः राष्ट्रीय राजथानी दिल्ली बीते कई दिनों से धुंध की मोटी चादर में लिपटी है. वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर की श्रेणी में है. अनेक स्थानों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर सामान्य से कम से कम आठ गुना अधिक रह रहा है. दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के कारण छाई धुंध को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को एक निर्देश दिया है.
Delhi is suffering badly, the Air Quality Index (AQI) is almost 600 even today. How do people breathe? asks Supreme Court from Delhi government. https://t.co/SoPAc7O64W
— ANI (@ANI) November 15, 2019
कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि दिल्ली में जगह- जगह एयर प्यूरीफायर टावर लगाने के लिए रोडमैप बनाएं. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर वायु प्रदूषण का डेटा दिया. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि एयर क्लीनिंग डिवाइस को लगाने के लिए कितना समय लगेगा? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि चीन ने कैसे किया?
कोर्ट में एक्सपर्ट ने बताया कि हमारे यहां 1 किलोमीटर वाला डिवाइस है, चीन में 10 किलोमीटर तक कवर करता है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप छोटे इलाक़े को क्यों कवर करना चाहते हैं.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस समय दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 600 को पार कर गया है. घर के कमरों में भी ऐसी ही स्थिति है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वायु प्रदूषण से हर कोई प्रभावित हो रहा है. केंद्र सरकार ने कहा कि वायु प्रदूषण को लेकर एक साल की स्टडी की जरूरत पड़ेगी. कोर्ट ने कहा कि इतना समय? केंद्र ने कहा वो कोर्ट में जवाब दाखिल करेंगे. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को समय दिया.
Supreme Court says #OddEven may not be a permanent solution, especially when Central Pollution Control Board says cars constitute 3 per cent of pollution levels. Garbage dumping, construction wastes & road dusts are also major contributors to the pollution levels. https://t.co/DwDQxy07PG
— ANI (@ANI) November 15, 2019
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि ये बताइए कि ऑड-ईवन से वायु प्रदूषण को लेकर कोई फायदा हुआ है या नहीं? दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा कि 10 अक्टूबर से हवा बेहद खराब हो गईं. कोर्ट ने कहा कि हम इस बात को लेकर चिंतित है कि जब प्रदूषण स्तर अपने चरम पर है और आपने ऑड-ईवन लागू किया है तो इसका क्या असर हुआ है? दिल्ली सरकार का आंकड़ा देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन से प्रदूषण पर कोई असर नहीं पड़ा.
लगातार चौथे दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता “गंभीर”
दिल्ली में शुक्रवार सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 467 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ की श्रेणी’ में आता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के अनुसार सभी निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पायी गयी. दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के कारण छाई धुंध को देखते हुए स्कूल शुक्रवार को भी बंद रहे.
सीपीसीबी के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ की श्रेणी में दर्ज की गयी. शनिवार तक हवा की गति बढ़ने का पूर्वानुमान जताया गया है जिससे वायु गुणवत्ता थोड़ी सुधरने की उम्मीद है इसके बावजूद यह ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में रहेगी। सफर ने रविवार तक हालात में सुधार की संभावना व्यक्त की है.