Koregaon-Bhima Violence : नवलखा की गिरफ्तारी पर दो दिसंबर तक रोक

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा की गिरफ्तारी पर शुक्रवार को दो दिसंबर तक रोक लगा दी. न्यायमूर्ति पीडी नाइक ने अग्रिम जमानत की नवलखा की याचिका पर सुनवाई के लिए दो दिसंबर की तारीख निर्धारित की है. नवलखा की याचिका के साथ ही मामले में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2019 5:54 PM

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा की गिरफ्तारी पर शुक्रवार को दो दिसंबर तक रोक लगा दी. न्यायमूर्ति पीडी नाइक ने अग्रिम जमानत की नवलखा की याचिका पर सुनवाई के लिए दो दिसंबर की तारीख निर्धारित की है. नवलखा की याचिका के साथ ही मामले में सह आरोपी आनंद तेलतुंबड़े की याचिका पर भी सुनवाई होगी.

पुणे पुलिस ने पिछले साल एक जनवरी को जिले के कोरेगांव भीमा गांव में हुई हिंसा के मामले में नवलखा, तेलतुंबड़े और कई अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. इन सभी पर आरोप है कि ये प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) के सक्रिय सदस्य हैं. न्यायमूर्ति नाइक ने कहा, मौजूदा आवेदक (नवलखा) को दो दिसंबर तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया जाता है. पीठ ने इस बात पर गौर किया कि नवलखा को अगस्त 2018 से इसी तरह का गिरफ्तारी से संरक्षण मिला है जब वह मामले को रद्द कराने के लिए उच्च न्यायालय गये थे.

उनके वकील युग चौधरी ने न्यायमूर्ति नाइक को शुक्रवार को सूचित किया कि कार्यकर्ता को पिछले साल से गिरफ्तारी से संरक्षण मिला हुआ है और अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक इस रोक की अवधि बढ़ाये जाने से जांच बाधित नहीं होगी. सितंबर में उच्च न्यायालय की खंड पीठ ने मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद नवलखा ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. शीर्ष अदालत ने गिरफ्तारी से रोक की उनकी अवधि को 12 नवंबर तक बढ़ाते हुए नवलखा को निर्देश दिया कि वह अग्रिम जमानत के लिए पुणे की संबंधित सत्र अदालत का रुख करें. पुणे सत्र अदालत ने 12 नवंबर को नवलखा की अग्रिम जमानत रद्द कर दी थी और शीर्ष अदालत से मिली राहत की अवधि बढ़ाने से भी इनकार कर दिया था. इसके बाद नवलखा ने 13 नवंबर को उच्च न्यायालय का रुख किया.

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