शिवसेना के नये ठिकाने पर बोले सावरकर के पोते- उम्मीद है उद्धव हिंदुत्व विचारधारा नहीं छोड़ेंगे
मुंबई : महाराष्ट्र में शिवसेना के कांग्रेस और राकांपा के साथ सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाने पर स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा कि मुझे भरोसा है कि उद्धव ठाकरे कभी हिंदुत्व की अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेंगे. रंजीत सावरकर ने कहा, जहां तक मैं उद्धव ठाकरे को जानता […]
मुंबई : महाराष्ट्र में शिवसेना के कांग्रेस और राकांपा के साथ सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाने पर स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा कि मुझे भरोसा है कि उद्धव ठाकरे कभी हिंदुत्व की अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेंगे.
रंजीत सावरकर ने कहा, जहां तक मैं उद्धव ठाकरे को जानता हूं, वह कभी भी अपनी हिंदुत्व विचारधारा को नहीं छोड़ेंगे और सत्ता के लिए वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग से पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि शिवसेना हिंदुत्व को लेकर कांग्रेस के स्टैंड को बदलने में सफल होगी. गौरतलबहै कि महाराष्ट्र में में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन वाली पहली सरकार बनती दिख रही है जहां राकांपा नेता शरद पवार ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और विकासोन्मुखी शासन देगी. महाराष्ट्र में पहली बार ऐसा प्रयोग हो रहा है जब अलग-अलग विचारधारा के ये दल सरकार बना रहे हैं जिसका नेतृत्व शिवसेना करेगी. तीनों दलों ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा तैयार कर लिया है जिससे राज्य में उनके गठबंधन का एजेंडा निर्धारित होगा.
इससे पहले पिछले दो दशक में राज्य की सियासत भाजपा-शिवसेना और कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के इर्दगिर्द घूमती रही है. राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की संभावना को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार बनेगी और यह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है. पवार ने नागपुर में पत्रकारों से कहा कि मध्यावधि चुनाव की कोई आशंका नहीं है. यह सरकार बनेगी और पूरे पांच साल चलेगी. हम सभी यही आश्वस्त करना चाहेंगे कि यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. पवार के सहयोगी और राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने मुंबई में कहा कि मुख्यमंत्री का पद शिवसेना के पास रहेगा.
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र में अगली सरकार उनकी पार्टी की अगुवाई वाली होगी और सीएमपी राज्य के हित में रहेगा. उन्होंने दावा किया कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी अगले 25 साल महाराष्ट्र में सरकार चलायेगी, केवल पांच साल नहीं. राज्यसभा सदस्य राउत से पूछा गया था कि क्या उनकी पार्टी राकांपा तथा कांग्रेस के साथ मुख्यमंत्री के पद को साझा करेगी. उन्होंने कहा, कांग्रेस और राकांपा से साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर बातचीत चल रही है जो राज्य और उसकी जनता के हित में होगा. राउत ने कहा, एक पार्टी की सरकार हो या गठबंधन की, शासन के लिए एजेंडा जरूरी है.
चिर प्रतिद्वंद्वी रही कांग्रेस के गठजोड़ के सवाल पर राउत ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेताओं ने स्वतंत्रता संघर्ष और महाराष्ट्र के विकास में योगदान दिया है. क्या शिवसेना, कांग्रेस-राकांपा के साथ गठजोड़ के बाद हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर को भारत रत्न प्रदान किये जाने की मांग छोड़ देगी और मुस्लिम आरक्षण को मंजूर करेगी, इस सवाल पर राउत ने सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, हम इस तरह की अटकलों के स्रोत जानते हैं. कांग्रेस जैसी विपरीत विचारधारा के दल से गठजोड़ के सवाल पर उन्होंने कहा, विचारधारा क्या होती है? हम राज्य के कल्याण के लिए साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं.