#NationalPressDay : बोले उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, सनसनीखेज खबर, यानी भ्रामक समाचार
नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने आज कहा कि पहले समाचार को समाचार की तरह इस्तेमाल किया जाता था, ना तो उसकी व्याख्या की जाती थी और ना ही गलत व्याख्या की जाती थी. लेकिन आज के दौर में समाचार और विचार को मिला दिया गया है और यही सबसे बड़ी गलती है. […]
नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने आज कहा कि पहले समाचार को समाचार की तरह इस्तेमाल किया जाता था, ना तो उसकी व्याख्या की जाती थी और ना ही गलत व्याख्या की जाती थी. लेकिन आज के दौर में समाचार और विचार को मिला दिया गया है और यही सबसे बड़ी गलती है.
Vice President M. Venkaiah Naidu: You may ask me, do the political parties have no right to start a newspaper? Yes, but it should be mentioned, this is a newspaper by so and so political party. 2/2 https://t.co/D5Jf6Qrdeo
— ANI (@ANI) November 16, 2019
आज समाचारों को सनसनीखेज बनाने पर जोर दिया जाता है, सनसनीखेज समाचार यानी भ्रामक समाचार. व्यावसायिक समूहों, राजनीतिक दलों और अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए आज जिस तरह की पत्रकारिता हो रही है उसके कारण पत्रकारिता के मूल मूल्यों का क्षरण हो रहा है.
आप मुझसे पूछ सकते हैं कि क्या किसी राजनीतिक दल को अखबार प्रकाशित करने का अधिकार नहीं है? बिलकुल है, लेकिन उस अखबार में यह जानकारी होनी चाहिए कि यह समाचार पत्र अमुक पार्टी का है.