राफेल मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन कर रही है भाजपा, राहुल गांधी से माफी की मांग
नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी राफेल मुद्दे पर आये कोर्ट के फैसले के बाद देशव्यपारी आंदोलन कर रही है. इस प्रदर्शन के तहत भारतीय जनता पार्टी मांग कर रही है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी मांगें. दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी के दफ्तर के बाद विरोध प्रदर्शन किया जा […]
नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी राफेल मुद्दे पर आये कोर्ट के फैसले के बाद देशव्यपारी आंदोलन कर रही है. इस प्रदर्शन के तहत भारतीय जनता पार्टी मांग कर रही है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी मांगें. दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी के दफ्तर के बाद विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
भारतीय जनता पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि इस मामले में उन नेताओं को माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने राफेल को मुद्दा बनाकर पीएम मोदी पर निशाना साधा था. भाजपा ने भारतीय वायुसेना के लिए फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे के मामले में दायर पुनर्विचार याचिकाएं बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने को ‘सत्य की जीत” करार दिया. साथ ही कहा कि कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी को बेबुनियाद एवं शर्मनाक अभियान चलाने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, कांग्रेस ने झूठ बोला, हमारे ईमानदार प्रधानमंत्री के खिलाफ अभियान चलाया, विदेशों में भारत की साख को घटाने की कोशिश की. इसलिए, आज राहुल गांधी को देश से माफ़ी मांगने की जरूरत है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने आज मानहानि मामले पर माफी मांगने पर आपको छोड़ा है.
प्रसाद ने कांग्रेस नेता से सवाल किया, न्यायालय ने तो माफ़ी मांगने पर आपको छोड़ दिया, लेकिन क्या देश की जनता से आंख मिलाने के लिए माफ़ी मांगेंगे आप ? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी औपचारिक रूप से देश से मांफी मांगे और राहुल गांधी को भी देश से मांफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता नेता ने कहा कि जिनके हाथ पूरी तरह से भ्रष्टाचार में रंगे हैं, देश की सुरक्षा से जिन्होंने खिलवाड़ किया है, वो अपने प्रायोजित राजनीतिक कार्यक्रम को अदालत में न्याय की गुहार से रूप में प्रस्तुत कर रहे थे.
हम पूछना चाहते हैं कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने किसके इशारे पर यह आक्रामक, बेबुनियाद और शर्मनाक अभियान चलाया. यह सवाल इसलिए है क्योंकि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार राफेल सौदे को बढ़ने नहीं दे रही थी जबकि वायुसेना 30 साल से लड़ाकू विमान मांग रही थी.
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को बृहस्पतिवार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं. न्यायालय ने अपने 14 दिसंबर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.