इराक से बंधक भारतीयों को सुरक्षित लायेंगे:सुषमा
नयी दिल्ली: केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक में जारी संघर्ष और बिगडती सुरक्षा स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि मोसूल में बंदी बनाए गए 41 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगी. विदेश मंत्री ने राज्यसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में दिए गये बयान में इराक में फंसे […]
नयी दिल्ली: केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक में जारी संघर्ष और बिगडती सुरक्षा स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि मोसूल में बंदी बनाए गए 41 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगी.
विदेश मंत्री ने राज्यसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में दिए गये बयान में इराक में फंसे भारतीय कामगार मजदूरों की स्थिति के बारे में बताते हुए यह बात कही.उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) द्वारा अप्रत्याशित हमलों के परिणामस्वरुप इराक में जारी संघर्ष और बिगडती सुरक्षा स्थिति को लेकर अत्यधिक चिंतित है.
उन्होंने कहा कि आईएसआईएस ने जिस गति से 8 जून को अपने हमले शुरु किये तथा उत्तरी एवं मध्य इराक के कई नगरों पर कब्जा किया, उससे हर कोई हतप्रभ है.तब से इराक में सुरक्षा की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
सुषमा ने कहा कि दो अगस्त की स्थिति के अनुसार 4900 से अधिक भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापसी के लिए सहायता प्रदान की गयी है. इसमें शिविर कार्यालय की स्थापना के बाद से ही 3900 से अधिक नागरिकों के लिए हवाई टिकट शामिल है.
उन्होंने कहा,’भारतीय नागरिकों में विशेष रुप से मोसुल में बंदी बनाये गये 41 भारतीय नागरिकों की सुरक्षा एवं संरक्षा हमारे लिए अत्यधिक चिंता तथा तत्काल कार्रवाई का मामला है. हम उनकी सुरक्षित वापसी के लिए कोई कसर नहीं छोडेंगे.
विदेश मंत्री ने सदन को आश्वासन देते हुए कहा, ‘हमारी सरकार का यह गंभीर प्रयास रहेगा कि इस समय इराक में प्रत्येक भारतीय नागरिक की सहायता की जाये और उनकी वापसी सुनिश्चित की जाये.
सुषमा ने कहा कि इस संघर्ष की शुरुआत में इराक में भारतीयों की संख्या करीब 22 हजार थी. इनमें से बगदाद में 500, नजफ में 2300, करबला में 100, बसरा में 3000, कुर्दिस्तान में 15,000 तथा अन्य शहरों में 200 भारतीय शामिल हैं. इन अप्रत्याशित हमलों के बाद संघर्ष के क्षेत्रों में कुछ भारतीय फंस गये थे.
उन्होंने कहा कि तिकरित शहर के एक अन्य स्थानीय अस्पताल में कार्यरत 46 नर्सो का समूह भी संघर्ष के कारण फंस गया था.उन्हें एक अज्ञात समूह द्वारा 3 जुलाई को मोसुल लाया गया था. उन्हें चार जुलाई को रिहा कर दिया गया था तथा उसी दिन उन्हें भारत वापस लाने के लिए एयर इंडिया के एक विशेष विमान की व्यवस्था गयी थी.
विदेश मंत्री ने कहा कि वे नर्से विशेष विमान द्वारा 5 जुलाई की सुबह सुरक्षित कोच्चि पहुंच गयी थीं, जिनके साथ 134 अन्य भारतीय कामगारों को वापस लाया गया था. इनमें हैदराबाद में 80 तथा दिल्ली में लाये गये 54 व्यक्ति शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार इराक में सुरक्षा स्थिति पर नियमित रुप से पैनी नजर रखे हुए है. ‘इराक में इस संकट की शुरुआत से ही हमने 15 जून, 24 जून और 28 जून को हमारे नागरिकों को नियमित रुप से यात्रा परामर्श जारी किया गया है.
भारतीय नागरिकों को अगली अधिसूचना जारी होने तक इराक की यात्रा न करने की सलाह दी गयी है. सुषमा ने कहा कि प्रवासी मामलों के मंत्रालय द्वारा ईसीआर (आव्रजन जांच की आवश्यकता वाले देश) की श्रेणी के यात्रियों द्वारा उत्प्रवास पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जो 19 जून 2014 से प्रभावी हैं.