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पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी ने उपराज्यपाल बेदी को बताया ‘हिटलर की बहन”

पुडुचेरी : पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने उपराज्यपाल किरण बेदी के कामकाज के तरीके की आलोचना करते हुए कहा कि वह जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की “बहन लगती हैं” और वह जब भी मंत्रिमंडल के फैसलों को नकारती हैं, तो उनका खून खौल जाता है. किरण बेदी के पुडुचेरी का राज्यपाल बनने के बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2019 8:58 PM

पुडुचेरी : पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने उपराज्यपाल किरण बेदी के कामकाज के तरीके की आलोचना करते हुए कहा कि वह जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की “बहन लगती हैं” और वह जब भी मंत्रिमंडल के फैसलों को नकारती हैं, तो उनका खून खौल जाता है. किरण बेदी के पुडुचेरी का राज्यपाल बनने के बाद से ही उनके कामकाज के तरीकों पर सवाल उठाने वाले नारायणसामी ने आरोप लगाया कि वह चुनी हुई सरकार के फैसलों को ठुकराकर सरकार के नियमित कामकाज में बेवजह दखल दे रही हैं.

नारायणसामी ने यहां पार्टी कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती के मौके पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा कि वह एक तानाशाह की तरह काम कर रही हैं और जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की बहन लगती हैं. पूर्व आईपीएस अधिकारी बेदी पर तीखा हमला बोलते हुए नारायणसामी ने कहा कि वह मंत्रिमंडल के हर फैसले में बाधा बनकर खड़ी हो जाती हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी मुझे बेदी की ओर से हमारे फैसलों को नामंजूर करने से जुड़ी फाइलें मिलती हैं, तो मेरा खून खौल उठता है और मैं झुंझला जाता हूं. उन्होंने कहा कि देश में किसी भी राज्य का राज्यपाल या केंद्रशासित प्रदेश का उपराज्यपाल अपने राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के नियमित कामकाज में दखल नहीं दे रहा. नारायणसामी ने हाल ही में अपनी सिंगापुर यात्रा को लेकर छिड़ी जुबानी जंग का जिक्र करते हुए कहा कि वह केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ही उद्योग मंत्री शाहजहां और द्रमुक विधायक शिवा के साथ सिंगापुर गये थे और उन्होंने खुद ही यात्रा का खर्च उठाया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लेकिन उपराज्यपाल ने हमारी यात्रा पर सवाल उठाये. हमें अपनी यात्रा के लिए बेदी की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम उनके नौकर या गुलाम नहीं हैं. गौरतलब है कि बेदी ने कहा था कि उन्हें मीडिया के जरिये इस यात्रा के बारे में पता चला. उन्होंने सवाल उठाया कि इस यात्रा के लिए जरूरी मंजूरी ली गयी थी या नहीं?

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