नयी दिल्ली: सरकार ने आज कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की एक संयुक्त निगरानी रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व में खुले में शौच करने वालों में से 60 प्रतिशत लोग भारतीय हैं. पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खुले में शौच करने की प्रथा को समाप्त करने तथा स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के माध्यम से पूरे देश में ‘निर्मल भारत अभियान’ कार्यक्रम चलाती है. निर्मल भारत अभियान एक व्यापक कार्यक्रम है जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों के निर्माण सहित स्वच्छता संबंधी सुविधाएं सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य सभी ग्रामीण परिवारों के लिए 100 प्रतिशत स्वच्छता संबंधी सुविधाएं 2022 तक मुहैया कराना है.उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि देश के 16.78 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 11.30 करोड परिवारों के पास शौचालय की सुविधा नहीं है.उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 69 वें सर्वेक्षण (वर्ष 2012-13) के अनुसार, 59.40 फीसदी परिवारों के पास शौचालय की सुविधा नहीं है.
कुल 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलाए जा रहे इस अभियान के तहत स्वच्छता के लिए वित्तीय सहायता बढाते हुए 12 वीं पंचवर्षीय योजना में परिव्यय 37159 करोड रुपये तय किया गया है. यह राशि 11 वीं पंचवर्षीय योजना के परिव्यय के 6540 करोड रुपये से 468 फीसदी अधिक है.