महिला जज उत्पीड़न मामलाः उच्च पदों पर आसीन महिलाएं भी सुरक्षित नहीं

मध्यप्रदेश:देश में महिलाओं के खिलाफ लगातार छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती रही हैं. इधर एक घटना और सामने आयी है. ग्‍वालियर की एडिशनल डिस्‍ट्रिक्‍ट और सेशन जज ने मध्यप्रदेश के हाईकोर्ट के एक जज पर यौन उत्‍पीडन का आरोप लगाया है. महिला जज ने हाईकोर्ट के न्‍यायाधीश पर आरोप लगाते हुए सुप्रीम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2014 6:56 PM

मध्यप्रदेश:देश में महिलाओं के खिलाफ लगातार छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती रही हैं. इधर एक घटना और सामने आयी है. ग्‍वालियर की एडिशनल डिस्‍ट्रिक्‍ट और सेशन जज ने मध्यप्रदेश के हाईकोर्ट के एक जज पर यौन उत्‍पीडन का आरोप लगाया है.

महिला जज ने हाईकोर्ट के न्‍यायाधीश पर आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश और मध्‍यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश को लिखे एक पत्र में यह खुलासा किया है. उसे अपनी आबरू बचाने के लिए अपने पद से इस्‍तीफा देना पडा था.

इस घटना के बाद एक बार फिर सवाल उठा है कि जब अच्छे पदों पर प्रतिष्ठित महिलाएं ही सुरक्षित नहीं हैं तो अन्य महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है.

गौरतलब है महिला ने आरोप लगाया था कि जज ने उन्हें एक बार जिला रजिस्‍ट्रार के साथ मिलकर उन्‍हें अपने बंगले पर बुलाया और कहा था कि उसे उनके यहां होने वाले कार्यक्रम में डांस करना होगा. लेकिन महिला ने मना कर दिया.

अगले दिन आरोपी जज ने कहा कि डांस फ्लोर पर उन्‍हें नाचते देखने का मौका उन्‍होंने खो दिया लेकिन वो अगली बार का इंतजार करेंगे. तंग आकर महिला अपने पति के साथ उस जज से मिलने कोर्ट गई लेकिन उस जज ने उसका ट्रांसफर आर्डर दे दिया. जिसके चलते महिला जज ने इस्तीफा दे दिया.

*महिला अधिकारियों और अन्य प्रतिष्ठित महिलाओं को प्रताड़ित करने और भी हैं कई मामले

इससे पहले पंजाब के डीजीपी रहे केपीएस गिल पर पर प्रताड़ना का आरोप लग चुका है. गिल पर आईएएस अधिकारी रूपल बजाज ने छेड़खानी का आरोप लगाया था. इस मामले को लेकर दिल्ली तक हंगामा हुआ था. मामला हाईप्रोफाइल था इसलिये बहुत जल्द रफा-दफा हो गया था.

वहीं हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शंभुप्रताप सिंह राठौर पर टेनिस खिलाड़ी रुचिका गिरहोत्रा का यौन उत्पीड़न कर उसे आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था. उन्हें इस मामले में डेढं साल की सजा हुयी थी.

दिल्ली की चर्चित पत्रकार शिवानी भटनागर हत्याकांड में आईपीएस रविकांत शर्मा को निलंबित होने से लेकर सजा होने के बाद कई साल जेल में बिताने पड़े. आईपीएस रविकांत पीएमओ में तैनात थे उन्हीं दिनों पीएमओ कवर कर रही शिवानी भटनागर से उनकी नजदीकिया बढ़ीं.और शिवानी भटनागर गर्भवती हुई उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया.इसी बीच 23 जनवरी 1999 को उसकी हत्या कर दी गई.

वहीं मेरठ मेंसब इंस्पेक्टर अरुणा राय ने डीआईजी डीपी श्रीवास्तव पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया. तब वों पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में तैनात थीं. आरोप था कि 23 अप्रैल को डीआईजी ने महिला दरोगा को साइबर क्राइम सीखने की बात कहकर पर्ची पर आपत्तिजनक शब्द लिखकर दिया था. महिला दरोगा ने जब इसका विरोध किया तो धमकी दी गई.

इस मामले में सिस्टम से हारी अरुणा राय ने सोशल मीडिया पर आरोपी डीआईजी के खिलाफ मुहि‍म भी चलायी थी.

*सुरक्षा का सवाल

महिलाओं की सुरक्षा पर बात की जाये तो आज कोई भी महिला खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर पा रही है.एक महिला जो न्याय करती है, जो दूसरों की सुरक्षा में हर समय तैनात रहती है, दूसरों के खिलाफ होने वाले मुद्दे को उठाती है, जब वही सुरक्षित नहीं है तो आम महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है. घटनाएं होती है कुछ समय तक उन पर घटना पर चर्चा भी होती है लेकिन फिर मामला दब जाता है.

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