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MP: प्रेग्नेंट बेटी के ऑपरेशन के लिए 12 घंटे सरकारी अस्पताल में इंतजार करते रहा भाजपा विधायक

श्योपुरःमध्य प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आई है. भाजपा के एक आदिवासी विधायक ने बुधवार को आरोप लगाया कि उनकी गर्भवती बेटी को श्योपुरजिला अस्पताल में लगभग 12 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. उनकी बेटी को प्रसव के लिए सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. श्योपुर में विजयपुर से विधायक सीताराम आदिवासी […]

श्योपुरःमध्य प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आई है. भाजपा के एक आदिवासी विधायक ने बुधवार को आरोप लगाया कि उनकी गर्भवती बेटी को श्योपुरजिला अस्पताल में लगभग 12 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. उनकी बेटी को प्रसव के लिए सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. श्योपुर में विजयपुर से विधायक सीताराम आदिवासी ने कहा कि अस्पताल के अधिकारियों ने उनसे कहा कि उनकी बेटी का ऑपरेशन किया जाना आवश्यक है, लेकिन सर्जरी में मदद के लिए उस समय कोई विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध नहीं था
बेटी की बिगड़ती हालात देख वह उसे बाद मे किसी प्राइवेट अस्पताल ले गए. जब विधायक ने दूसरे शहर के अस्पताल के लिए अपनी बेटी को रेफर करवाया तो तीन घंटे तक एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं हो सकी. ऐसे में विधायक की बेटी दिन भर दर्द से कराहती रही. जबकि अधिकारियों से बात करने पर भी सुविधाएं नहीं मिली तो बेबस बेटी का विधायक पिता अस्पताल के बाहर खड़ी अपनी गाड़ी में बैठा रहा, लेकिन देर रात 10 बजे तक उनकी बेटी का प्रसव नहीं हो सका. यह पूरा मामला बीते सोमवार का है.
विजयपुर विधानसभा से बीजेपी के विधायक सीताराम आदिवासी की बेटी धोड़ीबाई आदिवासी को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार को सुबह 11 बजे प्रसव के लिए उसके ससुराली जन और विधायक पिता लेकर अस्पताल पहुंचे. इस दौरान विधायक ने अधिकारियों से कह सुनकर अपनी गर्भवती बेटी की सोनोग्राफी व अन्य जांचें तो करवा लीं, लेकिन प्रसव ऑपरेशन से होना था और अस्पताल के ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों से लेकर अन्य डॉक्टर विजयपुर में आयोजित किए गए नशबंदी शिविर में गए हुए थे .
इस वजह से विधायक की बेटी का प्रसव नहीं हो सका. ऐसे हालातों में विधायक ने डॉक्टरों से कह सुनकर अपनी बेटी को शिवपुरी जिले के अस्पताल के लिए रेफर तो करवा लिया, लेकिन तीन घंटे से भी ज्यादा समय तक इंतजार के बाद एंबुलेंस नहीं पहुंची सकी. जबकि प्रसव रास्ते में भी हो सकता था और इस वजह से विधायक दूसरी गाड़ियों से अपनी बेटी को शिवपुरी नहीं ले जा सके और अपनी बेटी को मेटरनिटी वार्ड में भर्ती करवा कर दिन भर गाड़ी में बैठे रहे और डॉक्टरों के लौटने का इंतजार करते रहे.
हालांकि देर रात 10 बजे तक डॉक्टर अस्पताल में नहीं पहुंचे. इस वजह से विधायक की बेटी का ऑपरेशन नहीं हो सका. दर्द से कराह रही विधायक की बेटी अपनी मां के साथ अस्पताल से अंदर बाहर आती-जाती रही और बेबस प्रसूता का विधायक पिता अपनी गाड़ी में बैठकर अस्पताल के हालातों पर बेबस दिखाई दिए. हालत बिगड़ने के बाद किसी प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया जहां विधायक की बेटी का ऑपरेशन हुआ.
बीजेपी के विधायक सीताराम आदिवासी से जब मीडिया ने बात की तो वह जिला अस्पताल के बिगड़े हुए हालातों का रोना रोते हुए बोले कि यहां कोई व्यवस्था नहीं है. अस्‍पताल में न डॉक्टर हैं और नहीं कोई और व्यवस्था, जिससे मरीज परेशान हो रहे हैं.अस्पताल में चकर-घिन्नी काटते हुए विधायक ने इन हालात के लिए अस्पताल प्रबंधन के साथ-साथ कमलनाथ सरकार पर भी जमकर निशाना साधा.उधर अस्पताल प्रबंधन विधायक की बातों को सिरे से खारिज कर अस्पताल स्टाफ से लेकर एंबुलेंस में देरी होने को बात को भी नकार रहा है.

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