नयी दिल्ली : कांग्रेस ने रक्षा मामले की एक संसदीय समिति में भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को शामिल किये जाने पर आपत्ति जताते हुए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया कि जिसे मोदी ‘मन से माफ नहीं कर पाये’ उसे एक महत्वपूर्ण समिति में जगह मिल गयी.
इसके जवाब में भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस की आपत्ति को देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल की नासमझी का सबसे बड़ा प्रमाण करार दिया और विपक्षी दल से सवाल किया कि क्या, नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी क्या सभी संसदीय समितियों से इस्तीफा देंगी? कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, यह देश का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि आतंक फैलाने का आरोप झेल रही सांसद को रक्षा संबंधी समिति का सदस्य बना दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, मोदी जी इन्हें मन से माफ नहीं कर पाये. लेकिन, देश की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जिम्मेदारी दे दी. इसीलिए तो मोदी है तो मुमकिन है.
भाजपा प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस और राहुल गांधी की नासमझी का यह सबसे बड़ा प्रमाण है. प्रज्ञा ठाकुर भोपाल से चुनाव जीतकर आयी हैं. वह सांसद हैं. सांसद होने के नाते समितियों में सदस्य चुना जाना उनका अधिकार है. नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को आरोपी बनाये जाने का हवाला देते हुए सिन्हा ने कहा, सांसद होने के नाते प्रज्ञा ठाकुर के वही अधिकार हैं जो सोनिया और राहुल गांधी के हैं. प्रज्ञा ठाकुर और सोनिया गांधी में अगर अंतर करेंगे तो मैं यही कह सकता हूं कि सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत पर हैं, क्या वह सभी संसदीय समितियों से इस्तीफा देंगी. भोपाल से भाजपा की लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मामले की संसद की परामर्श समिति के लिए नामित किया गया है.
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक प्रज्ञा इस 21 सदस्यीय समिति में शामिल होंगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समिति की अध्यक्षता करेंगे. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा की लोकसभा सदस्य मीनाक्षी लेखी ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस पार्टी का लोकतंत्र से विश्वास समाप्त हो गया है और वह इस बात को भूल गयी है कि ठाकुर संसद की निर्वाचित सदस्य हैं. लोगों को यह भी पता है कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने उन्हें गलत तरीके से फंसाया. गौरतलब है कि बंबई उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2017 में स्वास्थ्य कारणों से ठाकुर को जमानत तब दे दी थी, जब एनआईए ने महाराष्ट्र संगठित अपराध अधिनियम के तहत उनके खिलाफ आरोप वापस ले लिया था.