महाराष्ट्र महापौर चुनाव : भाजपा को जबरदस्त झटका, शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा का बेहतर प्रदर्शन

मुंबई : महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा के उभरते हुए राजनीतिक गठजोड़ के सामने शुक्रवार को भाजपा को लातूर और उल्हासनगर महापौर चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. भाजपा को इन दोनों ही नगर निकायों में बहुमत हासिल होने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा है. शिवसेना, मुंबई और पड़ोसी ठाणे शहर में महापौर और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2019 5:52 PM

मुंबई : महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा के उभरते हुए राजनीतिक गठजोड़ के सामने शुक्रवार को भाजपा को लातूर और उल्हासनगर महापौर चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. भाजपा को इन दोनों ही नगर निकायों में बहुमत हासिल होने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा है.

शिवसेना, मुंबई और पड़ोसी ठाणे शहर में महापौर और उपमहापौर पदों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही. हालांकि, भाजपा ने महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के समर्थन से नासिक के महापौर और उपमहापौर पदों पर जीत हासिल की. वहीं कांग्रेस के विक्रांत गोजामगुंडे लातूर से महापौर बनने में कामयाब रहे. इसे भाजपा के पूर्व मंत्री संभाजी नीलागेंकर के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है. भाजपा को उल्हासनगर नगर निगम में बहुमत होने के बावजूद शिवसेना के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा, जिसने राकांपा, कांग्रेस और एक स्थानीय संगठन टीम ओमी कलानी (टीओके) के समर्थन से महापौर के पद पर जीत हासिल की. मुंबई में शिवेसना उम्मीदवारों किशोरी पेडनेकर और सुहास वाडकर ने क्रमश: महापौर और उपमहापौर पदों पर निर्विरोध जीत दर्ज की क्योंकि भाजपा ने इन दोनों पदों के लिए उम्मीदवार नहीं उतारे थे.

शिवसेना उम्मीदवारों नरेश म्हास्के और पल्लवी कदम ने ठाणे नगर निगम के क्रमश: महापौर और उपमहापौर पदों पर जीत हासिल की. परभणी नगर निकाय में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस की उम्मीदवार अनीता सोनकांबले महापौर और भगवान वाघमारे उपमहापौर चुने गये. नासिक में भाजपा के सतीश कुलकर्णी महापौर चुने गये. नासिक महानगर पालिका में मनसे के पांच पार्षदों ने भी बीजेपी उम्मीदवारों के लिए मतदान किया जिससे भाजपा उम्मीदवार भिकूबाई बागुल (82) निर्विरोध उपमहापौर चुने गये. 70 सदस्यीय लातूर नगर निकाय में भाजपा के 36, कांग्रेस के 33, जबकि राकांपा का एक पार्षद है. भाजपा के एक पार्षद की मौत हो गयी थी, जबकि राकांपा का एकमात्र पार्षद वंचित बहुजन अघाड़ी में शामिल हो गया था.

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