महाराष्ट्र का ‘महाभारत’ : सियासी पवार, अजीत पर संशय, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज
संसद से सड़क तक गूंजा मामला नयी दिल्ली/मुंबई : महाराष्ट्र के ‘महाभारत’ पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी. फैसला मंगलवार की सुबह आ सकता है. इस बीच पूरे दिन राजनीतिक हलचल बनी रही. शाम को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन ने होटल हयात में 162 विधायकों की परेड करा कर अपनी ताकत दिखायी. होटल […]
संसद से सड़क तक गूंजा मामला
नयी दिल्ली/मुंबई : महाराष्ट्र के ‘महाभारत’ पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी. फैसला मंगलवार की सुबह आ सकता है. इस बीच पूरे दिन राजनीतिक हलचल बनी रही. शाम को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन ने होटल हयात में 162 विधायकों की परेड करा कर अपनी ताकत दिखायी. होटल में पहुंचे विधायकों से शपथ भी दिलवायी गयी. इस पर भाजपा ने तंज कसते हुए इसे महज फोटो सेशन करार दिया.
इससे पहले संसद में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को सदन की कार्यवाही नहीं चल पायी. कांग्रेस सदस्यों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में संंसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया.
उधर, सुप्रीम कोर्ट में सरकार गठन के मुद्दे पर हुई सुनवाई में जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष शिवसेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके गठबंधन के पास 154 विधायकों के हलफनामे हैं. हालांकि, केंद्र सरकार ने भी दावा किया कि सरकार गठित करने के लिए भाजपा को एनसीपी के 54 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
बहरहाल, दोनों पक्षों के बहुमत के दावे से राजनीतिक हलके में अनिश्चितता का माहौल और गहरा गया है. सभी की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं. वहीं, शीर्ष अदालत का फैसला आने से पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली.
असली एनसीपी कौन : होटल हयात में विधायकों की परेड के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे. पवार ने विधायकों से कहा कि वह निजी तौर पर सुनिश्चित करेंगे कि सदन में शक्ति परीक्षण के दौरान भाजपा के खिलाफ वोटिंग करने पर किसी की भी सदस्यता न जाए. उन्होंने कहा कि अजित पवार को पार्टी ने विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है.
ऐसे में उनके पास व्हिप जारी करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. भाजपा गलत सूचना फैला रही है कि अजित एनसीपी के विधायक दल के नेता के तौर पर व्हिप जारी करेंगे. दूसरी तरफ अजित पवार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह असली एनसीपी से हैं. पार्टी के 54 विधायकों ने उन्हें अपनी तरफ से राज्य में सरकार गठन पर निर्णय के लिए अधिकृत किया है.
सस्पेंस कायम : शह-मात के इस खेल में यह सस्पेंस कायम है कि आखिर कौन किसके साथ है? सोमवार को डिप्टी सीएम अजित पवार सीएम फडणवीस की एक अहम मीटिंग में नहीं पहुंचे. इसके बाद से कयास लग रहे हैं कि अजित ने कहीं चाचा शरद की बात तो नहीं मान ली? इस बीच, भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा – ‘न जाने कौन, कहां, कब किधर का हो जाए. उधर का दिखता रहे और इधर का हो जाए’.
162 विधायकों का परेड करा शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने दिखाया दम, भाजपा के साथ न जाने की शपथ
कोर्ट में दलीलें
शिवसेना : ऐसी कौन-सी राष्ट्रीय आपदा थी कि सुबह 5.27 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटाया गया
एनसीपी व कांग्रेस : एक भी एनसीपी विधायक ने अजित से नहीं कहा कि वह उनके फैसले के साथ है
केंद्र सरकार : राज्यपाल को घूम-घूम कर यह पता लगाने की जरूरत नहीं है कि बहुमत किसके पास है
पवार : यह महाराष्ट्र है गोवा-मणिपुर नहीं
होटल में विधायकों की परेड में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार पर कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने कहा कि वह किसी प्रकार का फैसला नहीं ले सकेंगे. यही नहीं, शरद ने कहा कि व्हिप नहीं मानने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह महाराष्ट्र है, गोवा या मणिपुर नहीं है.
उद्धव : सत्ता में जय नहीं सत्यमेव जयते
हयात होटल में विधायक परेड के दौरान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब हमारे दोस्त बढ़ गये हैं. भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि सत्ता में जय नहीं, सत्यमेव जयते होना चाहिए. नये गठबंधन पर कहा कि आप जो ताकत अब देख रहे हैं, वह आगे भी जारी रहेगी. हमें जितना दबाया जायेगा, हम उतने ही मजबूत होंगे.
विधायकों की परेड पर भाजपा ने तीनों दलों पर निशाना साधा है. भाजपा नेता आशीष सेलार ने कहा है कि पहचान परेड आरोपियों की करायी जाती है, न कि चुने गये विधायकों की. यह तो उन विधायकों का अपमान है, जिन्हें जनता ने चुना है. भाजपा इस ‘फोटो फिनिश’ रेस को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान जीत लेगी. ‘पहचान परेड’ लोकतंत्र के साथ क्रूर मजाक है.