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महाराष्ट्र का नाटक : भाजपा विधायक कोलांबकर बने प्रोटेम स्पीकर, राज्यपाल ने बुधवार को बुलाया विस का सत्र

मुंबई : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को भाजपा विधायक कालीदास कोलांबकर को महाराष्ट्र विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया. कोलांबकर वडाला से आठ बार के विधायक हैं. राजभवन के एक अधिकारी ने कहा, राज्यपाल ने विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में कोलांबकर को शपथ दिलायी है. इस बीच,राज्यपाल ने बुधवार […]

मुंबई : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को भाजपा विधायक कालीदास कोलांबकर को महाराष्ट्र विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया. कोलांबकर वडाला से आठ बार के विधायक हैं. राजभवन के एक अधिकारी ने कहा, राज्यपाल ने विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में कोलांबकर को शपथ दिलायी है. इस बीच,राज्यपाल ने बुधवार को सुबह आठ बजे विधानसभा का सत्र बुलाया हैजिसमें नवनिर्वाचित विधायकों शपथ दिलायी जायेगी. कोलांबकर विधानसभा सत्र के दौरान शेष बचे 287 विधायकों को शपथ दिलायेंगे.

इससे पहले दिन में उच्चतम न्यायालय ने फडणवीस सरकार को बहुमत साबित करने का आदेश देते हुए कोश्यारी से कहा था कि वह एक प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करें और यह सुनिश्चित करें कि बु‍धवार को सभी निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलायी जाये. हालांकि, मंगलवार दोपहर को मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. फडणवीस का इस्तीफा उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बुधवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले आया है. इससे पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार के इस्तीफा देने के बाद फडणवीस ने स्वीकार किया कि उनके पास बहुमत नहीं रह गया था.

राजभवन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, फडणवीस ने राज्यपाल से भेंट की और अपना इस्तीफा सौंपा. इससे पहले फडणवीस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अजित पवार के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद उनके पास संख्या बल नहीं रह गया है और वह राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौपेंगे. अजित पवार ने पिछले सप्ताह ही भाजपा के खेमे में आकर शनिवार सुबह फडणवीस के साथ शपथ ली थी.

फडणवीस ने कहा कि सुबह अजित पवार उनसे मिले थे और उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा था. फडणवीस ने शिवसेना पर आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए लालायित थी और इसके लिए पार्टी से हिंदुत्व के एजेंडे को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चरणों में रख दिया. उन्होंने कहा, राकांपा के अजित पवार ने हमारा सहयोग करने का फैसला किया था. इस चर्चा के अनुसार हमने सरकार बनायी. उन्होंने आगे कहा, आज अजित पवार मुझसे मिले और कहा कि वह कुछ व्यक्तिगत कारणों के चलते गठबंधन में आगे नहीं रह सकते. चूंकि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, इसलिए हमारे पास भी बहुमत नहीं है.

उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री पद से अजित पवार के इस्तीफे के बाद हमारे पास बहुमत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें महसूस हुआ कि हमारे पास संख्या बल नहीं है और हम खरीद-फरोख्त में शामिल नहीं होना चाहते इसलिए यह फैसला किया. फडणवीस के इस्तीफे का स्वागत करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से अनुरोध किया कि वह फडणवीस का इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के नेता उद्धव ठाकरे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें.

वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे ने अजित पवार के इस्तीफे को इज्जत बचाने की कवायद करार दिया. खडसे ने संवाददाताओं से कहा, अजित पवार द्वारा उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना इज्जत बचाने की कोशिश है. अगर वह कल महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण तक इंतजार करते तो उनके लिए अधिक शर्मिंदगी भरा होता. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा और शिवसेना के बीच कोई समाधान निकल आता, तो यह महाराष्ट्र के लिए बेहतर होता. इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा था कि अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. राउत ने कहा, अजित दादा ने इस्तीफा दे दिया है और अब वह हमारे साथ हैं. उद्धव ठाकरे अब अगले पांच वर्ष तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे.

महाराष्ट्र में गत शनिवार सुबह आठ बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने यहां राजभवन में फडणवीस और पवार को क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवायी थी. राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसके बाद मंगलवार को न्यायालय ने फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बुधवार पांच बजे तक शक्ति प्रदर्शन करने का निर्देश दिया था. इस बीच, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 162 विधायकों का समर्थन है और ऐसे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पद से इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि शक्ति परीक्षण के दौरान शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के महा विकास आघाडी के पास 170 विधायकों का समर्थन होगा.

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