श्रीलंकाई उच्चायुक्त तलब, सांसदों के आक्रोश और चिंता से कराया गया अवगत
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के बारे में आपत्तिजनक लेख लिखे जाने के मामले पर भारत ने आज श्रीलंकाई उच्चायुक्त को तलब किया और उनके समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया. इस मुद्दे को लेकर आज संसद में भारी हंगामा हुआ. विदेश मंत्रालय ने श्रीलंकाई उच्चायुक्त सुदर्शन सेनवीरात्ने को तलब किया […]
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के बारे में आपत्तिजनक लेख लिखे जाने के मामले पर भारत ने आज श्रीलंकाई उच्चायुक्त को तलब किया और उनके समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया. इस मुद्दे को लेकर आज संसद में भारी हंगामा हुआ.
विदेश मंत्रालय ने श्रीलंकाई उच्चायुक्त सुदर्शन सेनवीरात्ने को तलब किया और मंत्रालय में श्रीलंकाई मामलों के प्रभारी संयुक्त सचिव ने उन्हें सर्वाधिक कडे शब्दों में इस मुद्दे पर सांसदों के ‘‘आक्रोश और चिंताओं ’’ से अवगत कराया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
इससे पूर्व , सरकार से इस मुद्दे पर बयान की मांग करते हुए संसद में आसन के समक्ष आए आक्रोशित अन्नाद्रमुक सदस्यों से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘ अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन द्वारा जो मुद्दा उठाया गया है , वह वास्तव में बेहद गंभीर है. भारत कडाई से इसकी निंदा करता है. हम निश्चित रुप से उस देश के उच्चायुक्त को तलब करेंगे और उन्हें इसके बारे में बताएंगे.’’ इस मुद्दे के चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित करना पडा. यह विवाद पिछले सप्ताह शुरु हुआ था जब श्रीलंकाई सरकार की वेबसाइट पर एक लेख पोस्ट किया गया था जिसका शीर्षक था ‘‘ हाउ मीनिंगफुल आर जयललिताज लव लैटर्स टू नरेन्द्र मोदी? ’’: नरेन्द्र मोदी को लिखे जयललिता के प्रेम पत्र कितने सार्थक? : इसमें उन पत्रों का जिक्र किया गया था जो जयललिता ने मछुआरों के उत्पीडन को लेकर मोदी को लिखे थे.
इस लेख पर मचे हंगामे के बाद श्रीलंका सरकार ने इसे वेबसाइट से हटा लिया और माफीनामे संबंधी एक आधिकारिक बयान भी पोस्ट किया है.