मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार ने बुधवार को पार्टी विधायकों की बैठक में हिस्सा लिया और उनका विभिन्न मुद्दों पर मार्गदर्शन किया. पार्टी विधायक धनजंय मुंडे ने यह जानकारी दी. सूत्रों के अनुसार, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व बनने वाली सरकार में अजित पवार को उप मुख्यमंत्री का पद मिल सकता है. सूत्रों ने बताया कि अपने चाचा शरद पवार से बगावत करने के बाद घर वापसी करने वाले अजित पवार को दोबारा उप मुख्यमंत्री बनाये जाने को लेकर शिवसेना और कांग्रेस भी तैयार है. हालांकि, अजित पवार को लेकर अंतिम फैसला राकांपा प्रमुख शरद पवार को करना है.
अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए भाजपा से हाथ मिलाते हुए शनिवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, हालांकि सदन में बहुमत साबित किये जाने से पहले उन्होंने मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया था. मुंडे ने बताया कि पार्टी नेताओं ने बृहस्पतिवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह, विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव, विश्वास मत, राकांपा प्रमुख शरद पवार के 12 दिसंबर को 80वें जन्मदिन के मौके पर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों पर चर्चा की. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री के तौर पर बृहस्पतिवार शाम शपथ लेंगे.
मुंडे ने पत्रकारों को बताया, हमने विश्वास मत के बारे में चर्चा की. दादा (अजित पवार) ने भी बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने (सुनील) तटकरे साहेब और (राकांपा प्रदेश प्रमुख) जयंत पाटिल साहिब के साथ ही हमारा मार्गदर्शन किया. मुंडे ने कहा, दादा ने कहा कि हम सब एक हैं. मैंने पहले भी यह कहा था. (शरद) पवार साहेब का नेतृत्व सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व है. वाईबी चव्हाण केंद्र में हुई बैठक में वरिष्ठ पार्टी नेता छगन भुजबल और दिलीप वासले पाटिल ने भी हिस्सा लिया. राज्य में 21 अक्तूबर को हुए चुनाव में अजित पवार पुणे की बारामती सीट से 1.65 लाख मतों से विजयी हुए थे.
बीते शनिवार को उनके भाजपा से हाथ मिलाने और देवेंद्र फडणवीस सरकार में उप मुख्यमंत्री बनने से उनकी पार्टी और परिवार स्तब्ध रह गया था. राकांपा ने उसी दिन अजित को पार्टी के विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था. हालांकि, वह पार्टी के सदस्य बने रहे. अजित ने मंगलवार को निजी कारणों का हवाला देकर उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस कदम के चलते देवेंद्र फडणवीस को भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और राज्य की भाजपा नीत सरकार गिर गयी.