प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मांगी माफी, बोले निशिकांत दुबे- शिवसेना ने भी गोडसे को देशभक्त कहा था और अब कांग्रेस…

नयी दिल्ली :नाथूराम गोडसे को लेकर कथित बयान पर भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लोकसभा में माफी मांग ली जिसके बाद भी विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे. दरअसल, सांसद प्रज्ञा सिंह लोकसभा में माफी मांगते हुए ‘परंतु’ शब्द जोड़ दिया जिससे विपक्ष के सांसद नाराज हो गये और हंगामा करने लगे. प्रज्ञा सिंह ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2019 12:21 PM

नयी दिल्ली :नाथूराम गोडसे को लेकर कथित बयान पर भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लोकसभा में माफी मांग ली जिसके बाद भी विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे. दरअसल, सांसद प्रज्ञा सिंह लोकसभा में माफी मांगते हुए ‘परंतु’ शब्द जोड़ दिया जिससे विपक्ष के सांसद नाराज हो गये और हंगामा करने लगे. प्रज्ञा सिंह ने सदन में अपना माफीनामा पढ़ते हुए कहा कि उनके बयान से यदि किसी को ठेस पहुंची है तो वह खेद व्यक्त करते हुए माफी मांगती हैं, लेकिन उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. प्रज्ञा ने इतना ही कहा कि संसद में शोर शराबा होने लगा. हंगामा थमता न देख लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कर्यवाही दोपहर 2.30 बजे तक स्थगित कर दी और मामले को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलायी.

प्रज्ञा ठाकुर ने आगे कहा कि महात्मा गांधी के काम का सम्मान करती हूं. बिना नाम लिए उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर हमला किया और कहा कि सदन के एक सदस्य ने मुझे आतंकी कहा…यह सही नहीं है.एक महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाया गया है. मेरे खिलाफ कोर्ट में कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ है.

इससे पहलेलोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "हमारी सिर्फ एक मांग है, हम अनक्वॉलिफाइड अपॉलजी चाहते हैं."समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने इस हंगामे के बाद लोकसभा अध्यक्ष को सलाह दी. उन्होंने कहा कि वह सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों को बुलाकर बात करें और मामले को सुलझाने का काम करें. मुलायम ने कहा कि हमारी राय यह है कि विपक्षी सदस्यों को जो परेशानी है, वह उसका इजहार कर रहे हैं. आप पांच-दस मिनट के लिए सदन बंद कर इधर और उधर के लोगों को बुलाकर बात कर लीजिए. यह हमेशा होता रहा है. इस पर स्पीकर ने कहा कि वह उनकी अच्छी राय पर विचार करेंगे.

प्रज्ञा ठाकुर के माफी मांगने के बाद संसद में ‘महात्मा गांधी की जय’ और ‘डाउन डाउन गोडसे’ के नारे लगाये गये.लोकसभा में हंगामा होता देख लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि यदि इस विषय पर हम राजनीति करेंगे तो पूरे विश्व में हमारे बारे में गलत संदेश जाएगा.लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि न केवल यह देश बल्कि पूरा विश्व महात्मा गांधी के सिद्धांतों का अनुसरण करता है. हमें इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. यदि हम ऐसा करते हैं, तो यह दुनिया के सामने होगा इसलिए मैंने कहा कि टिप्पणी दर्ज नहीं की जाएगी.यह सदन महात्मा गांधी की हत्या के मामले के महिमामंडन की अनुमति नहीं देता है चाहे वह इस सदन में हो या बाहर. गुरुवार को रक्षा मंत्री ने सरकार की ओर से स्पष्टीकरण दिया था. सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी माफी मांगी है.

इधर, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को ‘आतंकवादी’ कहने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ प्रिविलेड मोशन लाने की मांग की.निशिकांत दूबे ने कहा कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनायी है. शिवसेना ने ‘सामना’ में नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा था. कांग्रेस सत्ता और लालच के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि वह लोकसभा में विवादित बयान देने वाली भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह को ‘‘आतंकवादी” बताने वाली अपनी टिप्पणी पर कायम हैं. अपने खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की भाजपा की मांग के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि इससे उन्हें कोई समस्या नहीं है.

वहीं , असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की है कि सरकार कहे कि नाथूराम गोडसे देशभक्त नहीं बल्कि आतंकवादी था जिसने महात्मा गांधी की हत्या की थी.ओवैसी ने लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि आपने कहा कि टिप्पणी रिकॉर्ड में नहीं हैं. यह एक बड़ा उल्लंघन है और सदस्य के आचरण के बुनियादी मानक के खिलाफ जाता है. सदस्य को स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि गोडसे ‘देशभक्त’ नहीं है, वह आतंकवादी है और गांधी का हत्यारा है.

आपको बता दें कि भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज सुबह प्रज्ञा को तलब किया था. पहले ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि खुद को बेकसूर बता रहीं प्रज्ञा को पार्टी की तरफ से साफ संदेश दिया गया कि उन्हें सदन के समक्ष क्षमा की प्रार्थना करनी ही होगी. गुरुवार को सरकार ने प्रज्ञा पर ऐक्शन लिया और रक्षा मामलों की सलाहकार समिति से हटा दिया. यही नहीं उनको संसद में संसदीय दल की बैठक से भी बैन किया गया था.

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