10 माह से वेतन न मिलने के कारण BSNL के 12 कर्मियों ने की आत्महत्याः माकपा सदस्य

नयी दिल्लीः सार्वजनिक दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल में करीब दस माह से वेतन कथित तौर पर नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में माकपा के एक सदस्य ने दावा किया कि वेतन के अभाव में अब तक इसके 12 कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं. शून्यकाल के दौरान राज्यसभा में विशेष उल्लेख के जरिये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2019 2:27 PM

नयी दिल्लीः सार्वजनिक दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल में करीब दस माह से वेतन कथित तौर पर नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में माकपा के एक सदस्य ने दावा किया कि वेतन के अभाव में अब तक इसके 12 कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं.

शून्यकाल के दौरान राज्यसभा में विशेष उल्लेख के जरिये यह मुद्दा उठाते हुए माकपा सदस्य केके रागेश ने कहा कि हाल ही में केरल में बीएसएनएल के एक कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली. इसका कारण बीएसएनएल के कर्मचारियों को दस माह से वेतन न मिल पाना है. रागेश ने दावा किया कि वेतन न मिल पाने की वजह से देश भर में बीएसएनएल के 12 कर्मी आत्महत्या कर चुके हैं.

उन्होंने कहा कि बीएसएनएल में छंटनी भी हो रही है. उन्होंने कहा कि एक खबर के अनुसार, बीएसएनएल में नियमित कर्मियों के 80 फीसदी पद तथा ठेके पर काम करने वाले कर्मियों के 50 फीसदी पद घटाए जाने की योजना है. रागेश ने मांग की कि सरकार को न केवल बीएसएनएल की आर्थिक हालत पर बल्कि इन कर्मियों के भविष्य पर भी ध्यान देना चाहिए.

विशेष उल्लेख के जरिये वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विजय साई रेड्डी ने आंध्रप्रदेश में इस साल पड़े भीषण सूखे और फिर आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जिक्र करते हुए कहा कि इस स्थिति में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की अहम भूमिका है. रेड्डी ने कहा कि प्रभावित इलाके में मनरेगा के तहत ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराया जाना चाहिए तथा जिन इलाकों में इसके तहत कार्य कराए गए हैं, वहां लंबित भुगतान शीघ्र करना चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस के अहमद हसन ने स्कूलों में चलाई जा रही मध्याह्न भोजन योजना का मुद्दा विशेष उल्लेख के जरिये उठाया. उन्होंने कहा कि बच्चों के आहार में पोषक तत्वों पर खास ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक बच्चे को समुचित पोषण मिले. इनके अलावा, कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद और रिपुन बोरा, राजद के मनोज कुमार झा, सपा के रविप्रकाश वर्मा, भाजपा के सत्यनारायण जटिया, अन्नाद्रमुक के ए के सेल्वाराज तथा माकपा के इलामारम करीम ने भी विशेष उल्लेख के जरिये लोक महत्व से जुड़े अपने अपने मुद्दे उठाए.

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