अशोक गहलोत का आरोप- RSS ‘एक्स्ट्रा कांस्टीट्यूशनल अथॉरिटी” के रूप में काम कर रहा
जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह देश में ‘एक्स्ट्रा कांस्टीट्यूशनल अथॉरिटी’ (संविधानेत्तर प्राधिकार) के रूप में काम कर रहा है और उसकी मर्जी के बिना न कोई मंत्री बन सकता है, न मुख्यमंत्री, न ही प्रधानमंत्री. उन्होंने कहा कि आरएसएस को खुद […]
जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा कि वह देश में ‘एक्स्ट्रा कांस्टीट्यूशनल अथॉरिटी’ (संविधानेत्तर प्राधिकार) के रूप में काम कर रहा है और उसकी मर्जी के बिना न कोई मंत्री बन सकता है, न मुख्यमंत्री, न ही प्रधानमंत्री.
उन्होंने कहा कि आरएसएस को खुद को राजनीतिक पार्टी में बदलकर खुलकर चुनावी मैदान में उतरना चाहिए. गहलोत विधानसभा में भारतीय संविधान को अंगीकृत करने के 70 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में भारत के संविधान तथा मूल कर्तव्यों पर हुई चर्चा में भाग ले रहे थे. सामने बैठ प्रतिपक्ष भाजपा के सदस्यों की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियों का जिक्र किया और कहा, आरएसएस का दबदबा बढ़ रहा है सब क्षेत्रों में और भविष्य में आप अपनी ‘मोदी है तो मुमकिन है’ की योजना पर आप कामयाब हो जाओ ये आपकी चाल है.
उन्होंने कहा, आपातकाल के दौरान संजय गांधी पर आरोप लगता था कि ये देश में ‘एक्स्ट्रा कांस्टीट्यूशनल अथॉरिटी’ के रूप में काम कर रहे हैं. वे तो करते थे या नहीं, सब जानते हैं पर आज आरएसएस ‘एक्स्ट्रा कांस्टीट्यूशनल अथॉरिटी’ के रूप में काम कर रहा है देश में. बिना उससे पूछे न कोई मंत्री, न मुख्यमंत्री, न प्रधानमंत्री बन सकता है. बिना उनकी मर्जी के कोई नहीं बन सकता. उन्होंने कहा, आरएसएस के प्रचारक रहे मोदी मुख्यमंत्री बन गये. बाद में प्रधानमंत्री बन गये, इसका मतलब आरएसएस का ही राज है.
वल्लभभाई पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया तो बाद में आपने माफी मांगी कि हम अब कभी राजनीति में भाग नहीं लेंगे केवल सांस्कृतिक क्षेत्र में काम करेंगे. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री कम से कम देश से एक माफी मांगे कि उस वक्त हम महात्मा गांधी व पटेल को समझ नहीं पाये थे, इसलिए उस वक्त हम इनका नाम लेते नहीं थे इनको मानते नहीं थे. अब हम इनको दिल से मानते हैं, दिमाग से मानते हैं. खाली दिमाग से नहीं मानते हैं.
इसके साथ ही गहलोत ने आरएसएस को राजनीतिक संगठन के रूप में काम करने की सलाह देते हुए कहा, आरएसएस को मेरी एक सलाह है कि अब इनको अपने आपको राजनीतिक दल में बदल लेना चाहिए. किसी वक्त आपने राजनीतिक नहीं करने का लिखकर दिया होगा, वह अलग बात थी. अब आप देश पर राज कर रहे हो. आपको लिखकर देना चाहिए कि आरएसएस खुद सरकार में बदल जाये. नाम चाहे भाजपा का रहे. गहलोत ने कहा, आरएसएस के विचारक गोविंदाचार्य ने किसी समय कहा था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी मुखौटा हैं, हमारे पीछे कोई और है. मैं चाहूंगा कि कृपया करके आप आरएसएस को राजनीतिक दल में बदल दो. खुलकर मैदान में आओ फिर देखो क्या होता है. आपका मुकाबला करेंगे हम.