पहाड़ों पर बर्फबारी, निचले हिस्सों में ओला और बारिश, बढ़ी ठंड, इधर, इस बार बिहार-झारखंड में नहीं पड़ेगी कड़ाके की ठंड
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में तीन दिनोंं से जारी बर्फबारी और निचले इलाकों में हो रही ओलावृष्टि तथा बारिश से ठंड बढ़ गयी है. लोग ठिठुरने को मजबूर हो गये हैं. लगातार बढ़ती ठंड और बर्फबारी के कारण प्रदेश में 120 से अधिक सड़कें बंद हो गयी हैं. वहीं, कश्मीर घाटी के ऊंचे […]
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में तीन दिनोंं से जारी बर्फबारी और निचले इलाकों में हो रही ओलावृष्टि तथा बारिश से ठंड बढ़ गयी है. लोग ठिठुरने को मजबूर हो गये हैं. लगातार बढ़ती ठंड और बर्फबारी के कारण प्रदेश में 120 से अधिक सड़कें बंद हो गयी हैं. वहीं, कश्मीर घाटी के ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों और मैदानी भागों समेत अधिकांश हिस्सों में गुरुवार रात से हुई बर्फबारी और भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन से लगातार दूसरे दिन भी यातायात बाधित रहा जिससे तीन हजार से अधिक वाहन सड़कों पर फंसे रहे. मौसम विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में गुलमर्ग के स्की-रिजॉर्ट में रात में दस इंच और दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग के पहलगाम के पर्यटक इलाके में 11 इंच बर्फबारी दर्ज की गयी. कश्मीर के अन्य हिस्सों जैसे जोजिला दर्रे, अमरनाथ गुफा, सोनामार्ग, गुरेज और मुगल रोड पर भी बर्फबारी की खबरें मिली हैं. वहीं, जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रामबन जिले में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के बाद लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. लोग घर में रहने को मजबूर हो गये हैं. प्रदेश में पूरा जनजीवन थम सा गया है.
केदारनाथ में तीन दिनों से हो रही बर्फबारी, 4.5 फीट तक जमी बर्फ
दिल्ली और यूपी में आंधी-तूफान के साथ बारिश, छह डिग्री तक गिरा तापमान
गाजियाबाद में ओलों से शिमला जैसा सीन, 70 वर्षों में पहली बार दिखी ऐसी ओलावृष्टि
घाटी में पारा शून्य से 10 डिग्री नीचे लुढ़का, दो-तीन फीट तक जमी बर्फ
बर्फबारी और कड़कड़ाती ठंड के कारण नदी, झील, और पेयजल स्रोत जमे
जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के बाद तीन हजार से अधिक वाहन सड़कों पर फंसे
इधर, इस बार बिहार-झारखंड में नहीं पड़ेगी कड़ाके की ठंड
भारतीय मौसम विज्ञान (आइएमडी) विभाग ने संभावना जतायी कि इस बार सर्दियों का मौसम अपेक्षाकृत कम सर्द रहेगा. मौसम विभाग ने अगले तीन महीनों के दौरान जबर्दस्त शीत लहर वाले क्षेत्रों में भी कड़ाके की शीत लहर चलने की किसी भी संभावना से इंकार किया है.
कड़ाके की शीत लहर चलने वाले क्षेत्रों (कोल्ड वेव जोन) में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मध्य महाराष्ट्र शामिल हैं. आइएमडी ने शुक्रवार को जारी सर्दियों संबंधी अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत के उत्तरी छोर के हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में आगामी सर्दियां (दिसंबर से फरवरी) औसत न्यूनतम तापमान की तुलना में गर्म रहने की संभावना है.
2019 रहा अब तक का दूसरा सबसे गर्म वर्ष : मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के सचिव, एम राजीवन ने हाल ही में बताया कि 2019 अब तक का दूसरा सबसे गर्म रिकॉर्ड किया गया कैलेंडर वर्ष बन गया है. कहा कि अल-नीनो की स्थिति बनी हुई है.