भाजपा को विश्वास मत से भागने का बहाना चाहिए था : राकांपा

मुंबई : राकांपा ने शनिवार को भाजपा पर विधानसभा से भागने का आरोप लगाया. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास आघाड़ी सरकार के विश्वास मत से पहले विपक्षी दल भाजपा ने सदन से बहिर्गमन किया. शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने सदन में हुए मतदान में 169 मतों के साथ विश्वास मत हासिल किया. 288 सदस्यीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2019 5:53 PM

मुंबई : राकांपा ने शनिवार को भाजपा पर विधानसभा से भागने का आरोप लगाया. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास आघाड़ी सरकार के विश्वास मत से पहले विपक्षी दल भाजपा ने सदन से बहिर्गमन किया. शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने सदन में हुए मतदान में 169 मतों के साथ विश्वास मत हासिल किया.

288 सदस्यीय सदन में मतदान से पहले भाजपा के 105 विधायकों ने बहिर्गमन कर दिया. भाजपा के विधायकों ने बहिर्गमन से पहले सत्र आयोजित करने और पार्टी के कालीदास कोलांबकर के स्थान पर कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर राकांपा नेता दिलीप वाल्से पाटिल की नियुक्ति पर आपत्ति जतायी. राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मंजूरी के साथ वाल्से पाटिल को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया. राज्यपाल की मंजूरी के बाद ही सत्र आयोजित किया गया. मलिक ने कहा, उन्हें सदन से भागने के लिए कोई बहाना चाहिए था इसलिए यह हंगामा किया. देवेंद्र जी (भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस) को वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे से सीख लेनी चाहिए कि एक विपक्षी नेता को कैसे काम करना चाहिए.

राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने भी कहा कि भाजपा विश्वास मत से भाग गयी. उन्होंने कहा, हम पूरी तरह लोकतांत्रिक हैं. हम विपक्ष की आवाज नहीं दबायेंगे. हमारे लिए यह निजी लड़ाई नहीं है. हम प्रेम से उनका दिल जीतेंगे. सुले ने कहा, महाराष्ट्र में कभी प्रतिशोध की भावना नहीं देखी गयी. हमारी सरकार प्रतिशोध की भावना से काम नहीं करेगी. जब विश्वास मत चल रहा था तब वे (भाजपा) भाग गये. कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि फडणवीस को खुले दिल से उद्धव ठाकरे का स्वागत करना चाहिए था. चव्हाण ने कहा, लेकिन इसके बजाय उन्होंने मामूली तकनीकी मुद्दा उठाया. यह सही नहीं है.

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