कराधान विधि संशोधन विधेयक लोकसभा से मंजूर, वित्त मंत्री ने कहा- सबकी सुनती है मोदी सरकार
नयी दिल्ली : लोकसभा ने सोमवार को कराधान विधि संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें घरेलू कंपनियों की कॉर्पोरेट कर की दर में कमी के माध्यम से सरकारी वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रावधान है. लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन आलोचलाओं […]
नयी दिल्ली : लोकसभा ने सोमवार को कराधान विधि संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें घरेलू कंपनियों की कॉर्पोरेट कर की दर में कमी के माध्यम से सरकारी वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रावधान है.
लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन आलोचलाओं को खारिज कर दिया कि नरेंद्र मोदी सरकार आलोचना नहीं सुनती है. उन्होंने कहा, यह सरकार और प्रधानमंत्री आलोचनाओं को सुनते हैं और सकारात्मक ढंग से जवाब देते हैं. अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सक्रियात्मक कदम नहीं उठाने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले अंतरिम बजट और फिर पूर्ण बजट के बाद कुछ स्थिति उत्पन्न हुई, ऐसे में क्या मंत्री के रूप में इस पर प्रतिक्रिया के लिए कदम उठाने की उनकी जिम्मेदारी नहीं थी? उन्होंने सवाल किया, क्या मैं अगले बजट का इंतजार करती? वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री हों, यह सरकार हो, चाहे आलोचना हो या सुझाव, हम सभी की बातें सुनते हैं और जवाब देते हैं.
निर्मला सीतारमण ने अधीर रंजन चौधरी के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के विरोध करने पर ही आरसीईपी पर वर्तमान सरकार ने हस्ताक्षर नहीं किया. वित्त मंत्री ने कांग्रेस नेता के दावे का जवाब देते हुए कहा कि अगर सोनिया गांधी के कहने पर सरकार ने आरसीईपी पर हस्ताक्षर नहीं किया तो फिर कांग्रेस ने 2013 में बाली समझौते पर हस्ताक्षर के समय सोनिया गांधी की सलाह क्यों नहीं ली. सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस किसानों की सिर्फ बात करती है, लेकिन बाली समझौते को अगर उसी तरह से आगे बढ़ा दिया जाता तो फिर किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल पाता. पीडीएस के तहत गरीब लोगों को अनाज नहीं मिल पाता. उन्होंने जोर दिया कि मोदी सरकार की पहल के कारण ही आज किसानों को एमएसपी और पीडीएस के तहत अनाज मिलना संभव हो पा रहा है. मंत्री के जवाब के बाद अध्यादेश को निरानुमोदित करने के लिए अधीर रंजन चौधरी एवं कुछ अन्य सदस्यों द्वारा पेश सांविधिक संकल्प एवं विपक्षी सदस्यों के कुछ संशोधनों को अस्वीकृत करते हुए सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी.
सीतारमण ने एक आर्थिक समाचार पत्र के कार्यक्रम में उद्योगपति राहुल बजाज के ‘डर का माहौल’ वाले बयान का हवाला देते हुए कहा कि उस जगह गृह मंत्री (अमित शाह) ने पूरा जवाब दिया और जब भी आलोचना होती है, तो यह सरकार सुनती है और जवाब देती है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में तो कुछ लोगों ने उन्हें सबसे खराब वित्त मंत्री कह दिया, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सवाल पूछकर भाग जाना कुछ लोगों के डीएनए में है, लेकिन हमारी पार्टी (भाजपा) में ऐसा नहीं है. कुछ सदस्यों की आलोचना का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि वैश्विक हालात को देखते हुए कुछ तत्काल कदम उठाने थे और ऐसे में यह अध्यादेश लाना पड़ा. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है कि जरूरत पड़ने पर अध्यादेश लाये गये हों. 1991-96 के दौरान 77 अध्यादेश और 2004-09 के दौरान 36 अध्यादेश लाये गये थे.
संप्रग सरकार के समय जीडीपी आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान भी जीडीपी 4.3 प्रतिशत तक गिरी और फिर बढ़कर 7.2 प्रतिशत तक गयी. पहले भी जीडीपी नीचे गिरकर आगे बढ़ी है, आगे भी ऐसा ही होगा. कॉर्पोरेट कर में कटौती से वित्तीय घाटा बढ़ने के कांग्रेस के आरोप को खारिज करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार वित्तीय घाटे को चार फीसदी के नीचे रखने में सफल रही है. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में कोई कमी नहीं आयी है और इसमें पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बीएसएनल की स्थिति के लिए पूर्व की संप्रग सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार इस कंपनी को मजबूत बनाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ‘निर्बला’ करार दिये जाने के कांग्रेस सदस्य अधीर रंजन चौधरी के बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों खासकर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि चौधरी को इसके लिए खेद प्रकट करना चाहिए. वित्त मंत्री सीतारमण ने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा में हर महिला ‘सबला’ है.