चेन्नईः करीब -करीब तीन माह के बाद आखिरकार चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के बारे में पता चल गया कि वह कहां है और किस हालत में हैं. नासा (NASA) ने मंगलवार को तस्वीर जारी कर कहा कि विक्रम लैंडर का मलबा मिल गया है और जहां क्रैश हुआ. नासा के इस खबर में बहुत बड़ा हाथ भारतीयइंजीनियरका था. दरअसल, अंतरिक्ष में रुचि लेने वाले एकचेन्नई के इंजीनियर शानमुगा सुब्रमण्यन(शान) ने खुद लूनर रिकनाइसांस ऑर्बिटल कैमरा (एलआरओसी) से तस्वीरें डाउनलोड कीं. इसकी पुष्टि नासा और एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी ने सोमवार को की.
The #Chandrayaan2 Vikram lander has been found by our @NASAMoon mission, the Lunar Reconnaissance Orbiter. See the first mosaic of the impact site https://t.co/GA3JspCNuh pic.twitter.com/jaW5a63sAf
— NASA (@NASA) December 2, 2019
सुब्रमण्यन ने उस मलबे का पता किया, जिसकी तलाश वैज्ञानिक कर रहे थे और उन्होने वैज्ञानिकों की वह जगह खोजने में मदद की, जहां विक्रम लैंडर क्रैश हुआ था. अमेरिका के ऑर्बिटिंग कैमरा से चंद्रमा की तस्वीरों का निरीक्षण करने के बाद नासा ने कहा कि उसे भारतीय चंद्रयान-2 विक्रम लैंडर का दुर्घटनास्थल और मलबा मिला है. नासा ने शानमुगा के इस सहयोग के लिए उन्हें शुक्रिया कहते हुए उनकी तारीफ की है.
नासा ने अपने बयान में कहा कि शानमुगा ने सबसे पहले मैन क्रैश साइट से लगभग 750 मीटर उत्तर पश्चिम में मलबा देखा. नासा ने कहा कि पहली धुंधली तस्वीर दुर्घटनास्थल की हो सकती है जो एलआरओसी द्वारा 17 सितंबर को ली गई तस्वीरों से बनाई गई है. कई लोगों ने विक्रम के बारे में जानने के लिए इस तस्वीर को डाउनलोड किया. नासा ने कहा कि उनमें से एक सुब्रमण्यन ने मलबे की सकारात्मक पहचान के साथ एलआरओसी प्रोजेक्ट से संपर्क किया. एलआरओसी एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी (एएसयू) में स्थित है.यह जानकारी मिलने के बाद एलआरओसी टीम ने पहले और बाद की तस्वीरों की तुलना कर पहचान की पुष्टि कर दी.
#WATCH "I was able to find something out of the ordinary in a particular spot,so,I thought this must be the debris;This should inspire lot of people,"S Subramanian,an amateur astronomer from Chennai who has discovered debris of Chandrayaan-2's Vikram Lander on surface of the moon pic.twitter.com/BuLeQzKIkP
— ANI (@ANI) December 3, 2019
Shanmuga Subramanian, an amateur astronomer from Chennai: I spent 7-8 hours each day for 4-5 days on this. This is something that can be done by anyone with right knowledge. This should inspire a lot of people. https://t.co/E44mUEAiid
— ANI (@ANI) December 3, 2019