चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर जनवरी में सुनवाई पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगाने के लिए दायर की गई एक एनजीओ की याचिका पर जनवरी में सुनवाई करने पर विचार करेगा. यह योजना राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव लड़ने के लिए चंदा एकत्रित करने हेतु लाई गई थी. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े और […]
नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगाने के लिए दायर की गई एक एनजीओ की याचिका पर जनवरी में सुनवाई करने पर विचार करेगा. यह योजना राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव लड़ने के लिए चंदा एकत्रित करने हेतु लाई गई थी. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े और न्यायमूर्ति बी आर गवई और सूर्य कांत की पीठ को वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि इस योजना के तहत करीब 6,000 करोड़ रुपये एकत्रित किए गए, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक और निर्वाचन आयोग जैसी संस्थाओं ने आपत्ति जताई थी.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश हुए वकील भूषण ने कहा कि इस योजना पर रोक लगाए जाने की जरूरत है क्योंकि यह घूस लेने, धनशोधन और काले धन के समान बन गई है. उन्होंने कहा कि हमने इस योजना पर रोक लगाने के लिए अर्जी दायर की है. इस योजना का सत्तारूढ़ पार्टी दुरुपयोग कर रही है.
उन्होंने कहा कि आरबीआई और चुनाव आयोग ने पहले ही इस पर अपने विचार व्यक्त किए हैं. पीठ ने कहा कि हम जनवरी में इस पर विचार करेंगे. सरकार ने दो जनवरी 2018 को चुनावी बॉन्ड योजना को अधिसूचित किया था. इसके प्रावधानों के अनुसार, चुनावी बॉन्ड कोई भी व्यक्ति खरीद सकता है जो भारत का नागरिक है या जिसका भारत में कारोबार है.